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1 नवंबर से पर्यटकों के लिए खुलेगा वाल्मीकि टाईगर रिजर्व, मिलेंगी सफारी सहित ये सेवाएं

बगहा. वाल्मीकि टाईगर रिजर्व घूमने वालों के लिए अच्छी खबर है. 1 नवंबर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सेवाएं शुरू की जाएगी. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र हर वर्ष 15 अक्टूबर को शुरू हो जाता है जो कि 15 जून तक चलता है. 15 जून से 15 अक्टूबर तक पर्यटक जंगल सफारी और बोटिंग का आनंद नहीं उठाते हैं लेकिन कभी-कभी मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण पर्यटन सत्र की शुरुआत में देरी होती है. इस वर्ष लगातार हो रही बारिश के कारण यह सत्र 1 नवंबर से शुरू होगा.इसको लेकर VTR प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. लगातार हो रही बारिश के कारण जंगल के बीच रास्ते दुरुस्त कराने में दिक्कतें आ रही हैं, जिसे देखते हुए वन प्रशासन ने पर्यटन सत्र एक नवंबर से शुरू करने का फैसला लिया है. जंगल के अंदर रास्ते कच्चे हैं. बारिश से दलदल हो जाता है, ऐसे में पर्यटक जंगल सफारी नहीं कर पाते. सैलानियों की सुरक्षा को देखते हुए VTR प्रशासन 15 जून से पर्यटन सत्र पर रोक लगा देता है. मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद VTR पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. इसके बाद नवंबर में खोला गया. दोबारा मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में बंद कर दिया गया था. पिछले साल 20 अक्टूबर को पर्यटन सत्र का शुभारंभ हुआ, जिसे 17 जून को बंद किया गया था.वन संरक्षक डॉक्टर नेशामनी के ने बताया कि इस वर्ष मानसून के अंत में लगातार बारिश हुई है, ऐसे में जंगल के अंदर कई जगहों पर पानी लगा हुआ है. बरसात के मौसम में जंगल के रास्ते खराब हो जाते हैं जिन्हें बरसात के बाद सफारी के लिए दुरुस्त कराया जाता है लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण अभी रास्ता पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो सका है.

जंगल सफारी का ले सकेंगे आनंद

VTR में पर्यटकों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए जंगल सफारी के लिए आठ जिप्सी और एक टैंकर है. जिप्सी में पांच जबकि टैंकर में 12 पर्यटक बैठते हैं. पर्यटक सफारी के लिए ऑनलाइन और मैनुअल दोनों तरह से बुकिंग करा सकते है. जिप्सी का रेट 1575 रुपये और टैंकर पर एक पर्यटक के बैठने के लिए 375 रुपये लगते हैं. वन विभाग ने ई-रिक्शा की भी व्यवस्था रखी गई है. ई-रिक्शा से यहां आने वाले पर्यटक मंदिर और अन्य जगह घूम सकते हैं. सिर्फ ई रिक्शा से जंगल सफारी नहीं हो सकता, इसके लिए 50 रुपये प्रति पे करना होता है.

पहाड़, जल और जंगल का एक ही जगह आनंद

इसके अलावा साइकिल सफारी भी पर्यटक करते हैं. इसके साथ ही गंडक नदी में बोटिंग की भी सुविधा है जिसके लिए पर्यटकों को 188 रुपये प्रति व्यक्ति देना होता है. यहां आने वाले पर्यटकों को जंगली जानवर आसानी से दिख जाते हैं. इस जंगल का उत्तरी किनारा नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है. जंगल का स्पर्श करते हुए गंडक नदी बहती है. इस वन्य क्षेत्र की हरियाली और खूबसूरती में कई गुना इजाफा करते हुए इसे बेहद आकर्षित बना देती है. इसके साथ ही यहां पर पहाड़, जल और जंगल पर्यटकों को तीनों देखने के लिए मिलता है, जो काफी मनमोहक लगता है.

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