साइकिल से नहीं चलते फिर भी पुलिस वालों को मिलता महीने में 180 रुपये भत्ता
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबलों को साइकिल के उपयोग और रखरखाव के लिए हर महीने केवल 180 रुपये भत्ता दिया जाता है. जबकि वे मोटरसाइकिल से चलने के लिए बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को ये जानकारी दी. दिल्ली पुलिस के वकील ने उस दस्तावेज में बदलाव करने के लिए समय मांगा है जिसके आधार पर कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबलों को साइकिल भत्ता दिया जाता है. जबकि एक याचिका में दावा किया गया कि दिल्ली के 53,000 से अधिक पुलिस वाले साइकिल (रखरखाव) भत्ते के नाम पर हर महीने 96 लाख रुपये या 11.52 करोड़ रुपये सालाना रकम हासिल कर रहे हैं. लेकिन उनमें से कोई भी साइकिल से नहीं चलता है.
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने साइकिल भत्ते के इस आदेश में बदलाव करने के लिए दिल्ली पुलिस को 8 हफ्ते का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई अब 24 जनवरी, 2023 को होगी. उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि 53,000 से अधिक पुलिस फर्जी तरीके से साइकिल चलाने का भत्ता ले रहे हैं. याचिका में साइकिल (रखरखाव) भत्ते का दावा करने वाले उन पुलिस वालों की जांच की मांग की गई है, जो साइकिल का उपयोग नहीं कर रहे हों.पुलिसवाले साइकिल नहीं चलाते, लेकिन फिर भी भत्ते का दावा करते हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप कारों में घूम रहे हैं और अगर कोई पुलिस कांस्टेबल साइकिल भत्ता ले रहा है, तो आपको इससे समस्या हो रही है. दिल्ली पुलिस के वकील ने बेंच को कुछ दस्तावेज दिखाए कि कॉन्स्टेबल और हेड कांस्टेबल को साइकिल के इस्तेमाल और रखरखाव के लिए प्रति माह 180 रुपये का भुगतान किया जाता है. जबकि वे मोटरसाइकिल की याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस के लोगों को साइकिल (रखरखाव) भत्ते के नाम पर 180 रुपये भत्ता दिया जाता है और उस मद में सालाना लाखों रुपये निकाले जाते हैं. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मिले जवाब मिला के मुताबिक 53,000 से अधिक दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों को साइकिल (रखरखाव) भत्ते के नाम पर 96 लाख रुपये प्रति माह या 11.52 करोड़ रुपये सालाना दिए जाते हैं.