*ग्राम नवकेशा में बड़े धूम धाम से भगवान श्री गणेश का विसर्जन किया गया*
देवकर, नवकेशा:-नगर निकट गांव ग्राम पंचायत नवकेशा में बड़े ही धूम धाम से भगवान विघ्नहर्ता का विसर्जन किया गया जहां गांव के सभी लोगों ने नम आंखों से बप्पा को विदा किया ।
आज गणपति विसर्जन है जो कि हर साल अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के दिन लोग धूमधाम और पूरे आदर-सत्कार के साथ घरों में गणपति जी की स्थापना करते हैं फिर विधि-विधान के साथ 10 दिन उनका विसर्जन किया जाता है. लेकिन क्या जानते हैं कि बुद्धि के देवता कहे जाने वाले गणपति जी का विसर्जन क्यों किया जाता है? आइए जानते हैं इसके पीछे छिपी पौराणिक कथा के बारे में.
*गणेश विसर्जन पौराणिक कथा*
माना जाता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति को जल में विसर्जित कर दिया जाता है क्योंकि वो जल तत्व के अधिपति हैं. पुराणों के अनुसार, वेद व्यास जी भगवान गणेश को कथा सुनाते थे और बप्पा उसे लिखते थे. कथा सुनाते समय वेद व्यास जी ने अपने नेत्र बंद कर लिए. वो 10 दिन तक कथा सुनाते गए और बप्पा उसे लिखते गए. लेकिन जब दस दिन बाद वेद व्यास जी ने अपने नेत्र खोले तो देखा कि गणपति जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था. वेद व्यास जी ने उनका शरीर ठंडा करने के लिए ही उन्हें जल में डुबा दिया जिससे उनका शरीर ठंडा हो गया. कहा जाता है कि उसी समय से यह मान्यता चली आ रही है कि गणेश जी को शीतल करने के लिए ही गणेश विसर्जन किया जाता है.