मड़ेली में विश्व आदिवासी दिवस पर्व धूम-धाम से मनाया गया
*मड़ेली में विश्व आदिवासी दिवस पर्व धूम-धाम से मनाया गया*
(09अगस्त 2022 दिन मंगलवार)
रिपोर्ट- तेजराम निर्मलकर मड़ेली (छुरा)
*छुरा-मड़ेली* -: गरियाबंद जिला के वि.ख.छुरा अन्तर्गत ग्राम मड़ेली में आदिवासी गोंड समाज के तत्वावधान में अमात्य गोंड समाज भवन राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में संपुर्ण आदिवासी जाति के *आराध्य छत्रपति बड़ादेव महाराज जी* की पूजा अर्चना एवं फूल- माला चढ़ाकर कलश शोभायात्रा निकाली गई। अमात्य गोंड समाज भवन से गाजा बाजा , फौज फटाका एवं गोड़ी गीत के साथ पूरे गली भ्रमण किया, चौक चौराहे पर आदिवासी भाई बहनों ने कलश शोभायात्रा एवं आराध्य देव की छाया चित्र में पूजा अर्चना एवं अगरबत्ती, गुलाल , पुष्प अर्पित कर श्रीफल भेंट की। विश्व आदिवासी दिवस पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इस पावन दिवस पर देश के अनेक नगरों और गांवों में छत्रपति बढ़ादेव की विशेष पूजा-अर्चना,सभा-उत्सव का आयोजन किया गया। समाज के लाखों धर्म परायण जन-महिलाएं इस दिन व्रत-उपवास कर छत्रपति बढ़ादेव जी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
अनेक जगहों पर इस दिन मनोकामना ज्योति स्थापित कर श्रध्दालु जन छत्रपति बढ़ादेव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने का वरदान मांगते-प्राप्त करते हैं।
इसी क्रम में अनेक जगहों पर इस पुण्य पावन दिवस पर विश्व आदिवासी दिवस, आदिवासियों के मूल- भूत अधिकारों की सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 09अगस्त को मनाया जाता है। आदिवासियों का इतिहास और परंपरा पुरातन संस्कृत ग्रंथों में आदिवासियों को ‘अत्विका’ के नाम से संबोधित किया गया एवं महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरजन (पहाड़ में रहने वाले लोग) से संबोधित किया। भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ पद का उपयोग किया गया है। आदिवासी शब्द दो शब्दों ‘आदि’ और ‘वासी’ से मिल कर बना है जिसका अर्थ ‘मूल निवासी होता है।
आप भी इस दिन अपने घरों में छत्रपति बढ़ादेव की पूजा-अर्चना करें, विशेष दीप जलावें। यदि आप शासकीय कर्मचारी हैं तो इस दिन शासन द्वारा प्राप्त ऐच्छिक अवकाश लेकर अपने नगर में गांव में आयोजित समारोह में भाग लेकर अपने समाज प्रेम और संगठन का परिचय दें। कार्यक्रम का संचालन प्रेमनारायण ध्रुव ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमृत ठाकुर, कृपा राम ध्रुव, राजाराम ठाकुर, भरत नागवंशी, गजेन्द्र ठाकुर, भीखम ठाकुर, प्रेमनारायण ध्रुव, भीखम ध्रुव, भूषण ठाकुर, भंगी राम नेताम, करण सिंह नेताम, ईश्वर ठाकुर, निर्मल ठाकुर, गोवर्धन ठाकुर, मोहन ठाकुर,धरमू ठाकुर,धरम ठाकुर,। कन्हैयालाल ध्रुव, टिकेश्वर ध्रुव, तुकेश्वर ठाकुर, लोचन ठाकुर,तिहारु ध्रुव,मानसिंग ध्रुव,खामसिंग ध्रुव, मुकेश ठाकुर, रुद्र कुमार नेताम, एस कुमार ठाकुर ,वेशनारायण ठाकुर,रवि ध्रुव, कन्हैयालाल ध्रुव, रामखिलावन ध्रुव, रुखमणी ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर,योगबाई ठाकुर, मीरा ठाकुर,दुरपत ध्रुव, रुखमणी ध्रुव,नर्मदा ध्रुव,मोहन ध्रुव, दीनबंधु ठाकुर, राजूराम ध्रुव, भारत ध्रुव,फगनू ध्रुव, चितरंजन ठाकुर,पवन मरकाम,बिसरु, गणेश ध्रुव,भूवन ठाकुर,अगनू ध्रुव, यशवन्त ध्रुव,बरातू,टंकू,प्रकाश ठाकुर,, सुरेन्द्र ठाकुर, चितरंजन ठाकुर, गुमान ठाकुर, गुमान ध्रुव, ताराचंद ध्रुव एवं बड़ी संख्या में आदिवासी गोंड समाज एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।