कवर्धा

हमारा ज्ञान, आचरण, चरित्र ही हमारी पहचान-स्वामि: सदानन्द सरस्वती

हमारा ज्ञान, आचरण, चरित्र ही हमारी पहचान-स्वामि: सदानन्द सरस्वती

परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर मध्यप्रदेश में शङ्कराचार्य स्वामि: श्री स्वरूपानन्द सरस्वती , दण्डी सन्यासी स्वामि: श्री सदानन्द सरस्वती जी द्वारका गुजराज एवं दण्डी सन्यासी स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के द्वारा पवित्र चातुर्मास मध्यप्रदेश में मनाया जा रहा है । चातुर्मास के दौरान पूजयपाद सदानंद सरस्वती जी महाराज ने आज के श्रीमद भागवत कथा प्रसंग में वेद वेदांत स्मृति ग्रंथ पुराण में वर्णित धर्म का विस्तृत व्याख्यान करते हुए कहा कि जीवन का फल तत्व जिज्ञासा है भोग नहीं । वेशभूषा हमारी पहचान नहीं है ,हमारा ज्ञान ,हमारा चरित्र,आचरण ही हमारी पहचान है । मनुष्य होने की पहचान हमारे द्वारा किए जाने वाला सदा का ही ज्ञान से परमात्मा की प्राप्ति होती है । एक ही अग्नि अलग-अलग तत्वों में स्थित होने के कारण अलग-अलग प्रतीत होती है । वस्तुतः सारे प्राणियों में वह परमात्मा एक ही है । परमात्मा सर्वव्यापी है, प्राणियों की अनेकता के कारण वह अनेक दिखाई देता है । घट के अलग-अलग होने पर भी सारे घट में एक ही होता है । धर्म का पालन करना ही धर्म की रक्षा है । जैसे चुंबक लोटे को आकर्षित करता है । भगवान का हो जाने के पश्चात भगवान की भक्ति होती है । भगवान जीव को तत्काल उसे अपनी ओर खींच लेते हैं । हमारे शरीर को चेतनता प्रदान करने वाले को ही हम इश्वर के रूप में जानते हैं । परमात्मा इच्छा मात्र से इस सृष्टि की रचना करते हैं । वही सृष्टि के मूल हैं, सूत जी ने शौनकादि ऋषियों को भगवान के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए 10 अवतारों का कारण भी बतलाया । पूर्णवतार, कलावतार, मंशावतार, गुणावतार, अचवतार आदि में सब ईश्वर के अवतार भेद हैं ।

अवतारों का कारण जीवन में भगवान के प्रति निष्ठा, भक्ति सिद्ध करना है और जो इन अवतारों की कथा श्रवण करता है उनके सारे पाप सब दूर हो जाते है और वह जन्म बंधन के सारे कष्टों से मुक्त हो जाता है। सूत जी ने शौनकादि ऋषियों को भगवान के 24 अवतारों का पृथक-पृथक कारण बतलाया । भगवान ने व्यास अवतार धारण कर एक ही वेद के 4 भाग किए, 18 पुराणों, उपपुराणों की रचना की । राम अवतार धारण कर लोक शिक्षा प्रदान की, कैसे धर्म का पालन करना चाहिए । सुख बाजार से नहीं खरीदा जा सकता, संसार की सारी वस्तु जीव को सुखी नहीं बना सकती, सच्चा सुख आत्म सुख है । जगत बहादुर सिंह महापौर जबलपुर एवं मीडिया प्रभारी अरविन्द मिश्र ने इस अवसर पर स्वामि: श्री सदानन्द सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किये ।

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