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*मानव तस्करी मामले में पीड़ित पक्ष के घर पर पथराव, जिम्मेदारो पर कड़ी कार्रवाई की मांग*

*(किसान नेता योगेश तिवारी ने गांव पहुंचकर पीड़ित पक्ष को हर संभव मदद का दिया आश्वासन)*

 

बेमेतरा:- मानव तस्करी मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से बीती रात को अज्ञात लोगों के द्वारा घर में पथराव किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित पक्ष की सूचना पर देवकर चौकी, देवरबीजा चौकी और साजा थाना के जवान ग्राम डंगनिया पहुंच कर पीड़ित पक्ष की शिकायत पर जांच किए। शनिवार को किसान नेता योगेश तिवारी पीड़िता के गांव पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़िता को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने इस संबंध में पुलिस से बात कर पत्थरबाजी के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले में फरार आरोपी पंचराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी चैनदास और संतराम की गिरफ्तारी के बाद से पंचराम फरार चल रहा था।

 

*पीड़ित पक्ष के घर के पास मिले ईट के टुकड़े, विवेचना जारी*

 

साजा थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार रात्रि 9:30 बजे ग्राम डंगनिया में पीड़ित पक्ष के घर पर पथराव की सूचना मिली थी। सूचना पर तुरंत पुलिस बल को गांव की ओर रवाना किया गया। जहां देवकर, देवरबीजा चौकी और साजा थाना के पुलिस जवान पहुंचे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत विवेचना शुरू कर दी। थाना प्रभारी के अनुसार घटना के समय आसपास मौजूद ग्रामीणों ने किसी भी व्यक्ति को पीड़िता के घर पर पथराव करते नहीं देखा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पीड़िता के घर के पास ईट एक-दो टुकडे मिले हैं। प्रकरण की जांच की जा रही है। मामले में रात भर गांव में पेट्रोलिंग करने के साथ विवेचना की गई, जिसमें पत्थरबाजी की घटना को लेकर संशय की स्थिति है।

 

*प्रतिबंधात्मक धारा में जमानत मिलने के बाद आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर भेजा जेल*

 

किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि मानव तस्करी के मामले के बाद से पीड़िता पक्ष के लोग डरे और घबराए हुए हैं। वे न्याय के लिए पुलिस की ओर देख रहे हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में आरोपी चैनदास दिवाकर, संत राम पटेल और पंचराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी धारा 373, 511, 34 भादवि के तहत की गई है। गौरतलब हो कि आरोपी चैनदास और संतराम पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए धारा 151 के तहत जेल भेज दिया गया था। बाद में ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आरोपियों पर गंभीर धाराओं के मामला दर्ज किया गया। आरोपियों को प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के मामले में जमानत मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।

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