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*कन्दई में मानसिक-आर्थिक व आवासीय संकटों से जूझ रहे पीड़ित परिवार पर साजा तहसीलदार की टीम ने दिखाई दरियादिली, स्वंय के प्रयास से 24 घण्टे में राहत व्यवस्था के साथ किया जरूरी इंतज़ाम, प्रशासनिक अमलों की मदद बनी मानवता की मिसाल*

*बेमेतरा:-* जिले के साजा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कन्दई में विगत कल रविवार को तहसीलदार विनोद बंजारे की अगुवाई में प्रशासनिक अमले द्वारा बड़ा सराहनीय कार्य किया गया।जिसमें दो बरस पूर्व ससुराल छोड़कर मायका(पीहर)गाँव कन्दई में रह रही एक महिला के पति गुजर जाने के बाद अपने दो बच्चों के साथ मानसिक-आर्थिक एवं आवासीय समस्याओं से जूझ रहे पीड़ित परिवार को दिनभर के कठिन मेहनत व तैयारियों के साथ बरसात से बचाने एक टिन का अस्थायी आशियाना संवार कर दिया गया। जिसकी पूरे ज़िलेभर में काफी चर्चा हो रही है, इसमे प्रशासनिक टीम के प्रयासों को स्थानीय स्तर पर हर कोई प्रेरणास्रोत व मानवता की मिसाल की भी संज्ञा दी जा रही है।

 

 

*मुखिया के साया हट जाने से सालभर से गरीबी के साथ तनाव व सदमे में जीने मज़बूर पीड़ित परिवार*

दरअसल जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार की महिला लीलाबाई पाटिल(40 वर्ष) गाँव से शादी होकर निकटवर्ती बलौदाबाजार ज़िले के तिल्दा ब्लॉक अंतर्गत धरचुरा गाँव के गौरीशंकर पाटील के घर चली गयी। जहाँ से कुछ वर्ष पूर्व दो बच्चे कु.सीमा पाटिल(23वर्ष) व दुर्गेश पाटिल(20वर्ष) एवं पति गौरीशंकर के साथ अपने मायके कंदई लौट आयी। जहाँ पर गरीबी के अभाव में अपनी लड़की के मानसिक बीमारी के इलाज कराते हुए पिता स्वयं एक बीमारी से जूझता रहा। फिर घर मे बढ़ते कर्ज और स्वयं बीमारी के दर्द से तंग आकर सालभर पूर्व आत्महत्या कर ली।जिसके बाद परिवार के मुखिया के ऐसे मुश्किल घड़ी में चले जाने के सभी का मानसिक तनाव बढ़ गया। जिसके चलते विगत पति के गुजर जाने के बाद सालभर से पीड़ित महिला एवं उसके दोनों बच्चों का मानसिक संतुलन हिल गया। जिसमें किसी तरह गाँव मे खाना-पीना मांगकर गुजर बसर चलता रहा। वही रहने के लिए कच्ची झुग्गी झोपड़ी में रहने लगे जो बरसात के मौसम में काफी कष्टदायक होता था। चूँकि इस सब समस्याओं को सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा तहसीलदार को बताया गया जिसके बाद प्रशासन अमलों की टीम ने राहत स्वरूप दिनभर में उनके रहने के लिए टिन का अस्थायी आशियाना के साथ जरूरी फर्नीचर और पहनने के लिए वस्त्र खरीदकर पीड़ितों को प्रदान किये, जो गाँव सहित क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। जिसकी खूब सराहना भी हों रही है।

 

*विगत दिनों अधिकारिक दौरे के दौरान साजा तहसीलदार को पीड़ित परिवार के समस्याओं से हुए अवगत*

जानकारी के मुताबिक इस सम्बन्ध में पहले साजा तहसीलदार को कुछ दिनों पूर्व उनके आधिकारिक दौरे के बीच ग्रामीणों एवं सरपंच के द्वारा पीड़ित परिवार के मुसीबत व समस्याओं से अवगत कराया गया। जिस पर तहसीलदार ने टीम के साथ त्वरित मदद करने की योजना बनाई। जिसके अनुरूप रविवार को यह प्रयास सफल हुआ जो इलाके में सुर्खियों का विषय बन गया।

 

*पीड़ित परिवार को दिनभर में आशियाने की व्यवस्था के बाद अन्य सुविधाओं के लिए प्रयासरत अफसरों की टीम*

चूंकि इस सम्बंध में जब साजा तहसीलदार से बात की गई तो उन्होंने घटनाक्रम के साथ पीड़ित परिवार को अन्य और तरीकों से लाभान्वित कराने की बात कही। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पीड़ित परिवार में से किसी का आधार, राशन कार्ड एवं बैंक पासबुक नही है जिसके चलते वे सरकारी योजनाओं से वंचित रहें है। वही सरपंच के माध्यम से अब परिवार के तीनों सदस्यों का जरूरी कार्य कराकर शासकीय राशन दिलवाई जाएगी। वही इस कार्य के बाद अन्य प्रशासनिक अफसरों से भी बात करेंगे। जिसमे अब आशियाने के किनारे शौचालय व अन्य सुविधा भी दिलाने में प्रयासरत रहेंगे। वही देवकर के पटवारी मेघराज वर्मा ने कहा कि तहसीलदार साहब की अगुवाई में हमारा दिनभर का प्रयास सफल रहा।ऐसे कार्य से पीड़ित परिवार को अब काफी राहत मिलेगी साथ ही अन्य लोग भी प्रेरित होंगे।

 

*पूरे कार्य के दौरान प्रशासनिक अमलों की रही सराहनीय भूमिका*

बरहहाल क्षेत्र में सजगता स्वरूप गाँव के इस समाजसेवी कार्य मे मुख्य रूप से साजा तहसीलदार- विनोद बंजारे, देवकर हल्क पटवारी- मेघराज वर्मा, पटवारी- जीवन लाल ठाकुर, पटवारी- शैलेष साहू, कोटवार कल्याण सिंह, दीपक कुमार, नीरज निर्मलकर एवं साजा के हिमांशु वर्मा व देवकर के रवि गुप्ता का इस सराहनीय कार्य के दौरान बड़ा योगदान रहा। जिन्होंने पीड़ित परिवारों की राहत व्यवस्था के लिए सुबह से लेकर देर रात तक कार्यस्थल पर डटे रहे। साथ ही मानवीय सेवा के इस कार्य मे ग्राम पंचायत की महिला सरपंच उत्तरा बाई की भी विशेष रूप से सहभागिता रही।

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