*नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे गांव के खेतों में भरा पानी, फसल और घरों को लेकर किसान चिंतित*
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*(ग्राम बहेरा और खमहरिया के किसानों ने किसान नेता योगेश तिवारी से मुलाकात कर परेशानी से कराया अवगत)*
बेमेतरा:- विधानसभा में शिवनाथ और खारुन नदी किनारे बसे गांवो में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। लगातार हो रही बारिश के कारण नदी के किनारे बसे गांव के खेतों में पानी भरने से किसानों को खासा नुकसान पहुंचा है। वही गांवो में कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस सम्बंध में किसान नेता योगेश तिवारी से ग्राम बहिंगा के किसान मिलने पहुंचे। किसानों ने किसान नेता को बताया कि सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन की ओर से सर्वे के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। पिछले साल हुए सर्वे में किसानों के नुकसान के आकलन के बाद भी आज तक क्षतिपूर्ति राशि किसानों को नहीं मिली है।
*प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से किसानों में नाराजगी*
किसान नेता ने कहा कि सरकार सर्वे कराती हैं, रिपोर्ट बनाती है मगर बाद में रिपोर्ट को डस्टबीन में डाल दिया जाता है। सप्ताह भर से लगातार हो रही से शिवनाथ और खारुन का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं गंगरेल बांध के 14 गेट खोले जाने से किसान चिंतित हैं। किसानों को अपनी फसल और घर की चिंता सताने लगी है। प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से किसानों में खासी नाराजगी है। ग्राम बहिंगा के साहू पारा और गौरव चौक में 3 से 4 फिर तक पानी भर गया है।
*प्रभावित किसान, जिन्हें बीते साल हुई क्षति का आज तक नही मिला मुआवजा*
बीते साल नन्दु निषाद, महेतरु ध्रुव, बुघराम निषाद, पिरतेशवर सिंह राजपुत, डेरहा निषाद, रामचंद्र ध्रुव, खमहरिया के किसान बिन्दा यादव, राजेश निषाद, संतोष साहू, ऐलाराम निषाद सहित सैकड़ों किसान प्रभावित हुए। जिनको आज तक मुआवजा नही मिला है। किसानों ने बताया कि क्षतिपूर्ति को लेकर संबंधित कार्यालयों के चक्कर काटते रहे लेकिन अधिकारी संतोषजनक जवाब देने की स्थितिि में नहीं है। नतीजतन आज तक मुआवजा नहीं मिला है।