छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई गोलीकांड में हुए शहीदों को आज छमुमो देगी श्रद्धांजलि पावर हाउस से एसीसी चौक तक निकलेगी रैली और होगी सभा

भिलाई। भिलाई पॉवर हाऊस रेलवे स्टेशन पर हजारों मज़दूर अपनी जायज मांगो को लेकर बैठे थे उन मांगों को पूरा कराने के बजाय एक जुलाई 1992 के रोज भा.ज.पा. को पट़वा सरकार द्वारा पुलिस के माध्यम से गोली चालन करवाया गया, जिसमें 17 मजदूर शहीद हुये थे, उनका शहीद दिवस छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा समन्वय समिति द्वारा इस वर्ष भी 1 जुलाई को 30 वीं बरसी आयोजित है। इस दिन मोर्चा के श्रमिक व समर्थक पावर हाऊस के आम्बेडकर चौक में सुबह 10 बजे से एकत्रित होगें करीब 12 बजे शहीद परिवारों के साथ रेलवे स्टेशन में पूजा अर्चना करेंगे। वहां से वापस आम्बेडकर चौक से रैली प्रारंभ करेगें जो नंदिनी मार्ग से छावनी चौक होकर शहीद शंकर गुहा नियोगी ए.सी.सी. चौक में श्रद्धांजलि सभा करेगे। सभा के पूर्व नियोगी जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करेगे। सभा को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा अन्य जन संगठनों के प्रतिनिधि सम्बोधित करेगें । इस दौरान रसमड़ा से मजदूर बाईक रैली निकालकर भिलाई पावर हाउस पहंचेगे और इस श्रद्धांजलि सभा और आमसभा में शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि उद्योग पतियों ने नियोगी जो की हत्या के अलावा रेल पटरी में गोली कांड कराकर छत्तीसगढ़ मुक्ति नीचा संगठन को समाप्त करने का सपना देखे थे, वे हत्या तो करा लिये है, किन्तु संगठन को समाप्त नहीं कर पाये इसलिए हमारे लोग आज भी अपनी क्षमतानुसार संघर्ष कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में बैठी केन्द्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मात्र 4 श्रम कोड बनाये गये, जो पूरे देश के मजदूरों के खिलाफ है, कोरोना काल का लाभ उठाकर मोदी सरकार ने 8 घंटे ड्यूटी के कानून को 12 घंटा किया गया। हड़ताल के कानून में 14 दिन के नोटिस के बजाए 60 दिन किया गय। नया ट्रेड यूनियन के पंजीयन रूकावट डालने नियम बहुत कठिन कर दिया गया। पत्रकारवार्ता में छमुमों के भीमराव बागड़े,  तुलसी देवदास, जे पी नायर, ऐ जी कुरैशी, पूनाराम साहू, बंशीलाल साहू, भगत साहू, भानू रामटेके सहित अन्य लोग उपस्थि थे।

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