Uncategorized

*शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन 12 जून से प्रारंभ*

*बेमेतरा -:* जिले के शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र, खण्डसरा में 12 जून 2022 से उन्नत किस्म की कतला, रोहू, मृगल (मेजर कॉर्प) मछलियों का प्रजनन प्रारम्भ हो चुका है। वर्ष 2022-23 में जिले को 9.50 करोड़ स्पॉन (जीरा) उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। अधिकारियों द्वारा जिले के बड़े तालाब व जलाशय से बड़े साईज के प्रजनक एकत्र कर प्रजनन कार्य किये जा रहे हैं। अब तक 115 लाख स्पॉन का उत्पादन किया जा चुका है जिससे क्षेत्र के किसानों को 40 लाख स्पॉन विक्रय किया जा चुका है तथा 75 लाख स्पॉन प्रक्षेत्र के नर्सरी में संवर्धन किया गया है। प्रक्षेत्र में जिले के कृषकों को वर्ष 2022-23 हेतु 100 लाख स्टैण्डर्ड फ्राई विक्रय का लक्ष्य गया, जिसके लिए 240 लाख स्पॉन का संवर्धन खण्डसरा प्रक्षेत्र में किया जायेगा। मछली पालक कृषकों को सलाह दी जाती है कि अपने मौसमी तालाबों में प्रति हेक्टेयर 300 किलो की दर से चूना डालें तथा 8-10 दिन बाद स्पॉन डालने के पूर्व तालाब में एक बार बारिक जाल चलाकर जलीय कीड़े को नष्ट कर लें या 100 एमएल क्लिनर प्रति एकड़ प्रति मीटर गहरा पानी में छिड़काव कर सकते हैं। बाद में प्रति 100 वर्ग मीटर में 7 कि.ग्रा. कच्चा गोबर, 7 किलो सरसों खल्ली, 1.50 किलो सुपर फॉस्फेट एवं एक किलो यूरिया को मिलाकर 24 घण्टे तक सड़ाकर स्पॉन डालने के पहले दिन पूरे तालाब में या कम गहरे पानी में किनारे-किनारे में थोड़ा-थोड़ा ढेरी बनाकर रख दें, जिसे स्पॉन का भोजन जन्तु प्लवक व वनस्पति प्लवक तैयार होगा। स्पॉन छोड़ने के पहले पैकेट में तालाब का थोड़ा पानी मिलाकर तालाब में स्पॉन को धीरे-धीरे छोड़ें। स्पॉन डालने के दूसरे दिन स्पॉन के वजन का 140 ग्राम प्रति/लाख के चार गुना मात्रा में राईस ब्रान एवं सरसों खल्ली घोल बनाकर सुबह-शाम छिड़काव करें। 10 दिन बाद 25 एम.एम. तक फाई तैयार हो जायेगा। इस प्रकार अधिक मछली बीज प्राप्त कर स्वयं के तालाबों में संचयन कर सकते हैं एवं आस-पास के किसानों को विकय कर आय अर्जित कर सकते हैं। शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र, खण्डसरा से उत्पादित मछली बीज कृषकों एवं गौठान से जुड़े मछली पालक राशि रू. 2000 प्रति हेक्टेयर जमाकर 50 प्रतिशत अनुदान पर रू. 4000 का फिंगरलिंग मत्स्य बीज प्राप्त कर सकेंगे। मछली पालन किसान भाई किसी प्रकार की कठिनाई होने पर जिला कार्यालय अथवा अपने क्षेत्रीय अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button