पत्रकारिता की आड़ में धड़ल्ले से चल रहा सट्टा पट्टी का कारोबार
- भिलाई:- दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र में इन दिनो सट्टा पट्टी का अवैध कारोबार जोरो शोरो से चल रहा है, सूत्रों के हवाले से खबर है, कि किसी पत्रकार के ही संरक्षण में उसके ही भाई के द्वारा सट्टे के कारोबार का संचालन किया जा रहा है । बुद्धिजीवी वर्ग में गिनती आने वाले पत्रकार को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है परन्तु इन दिनों लोकतंत्र के इसी चौथे स्तंभ के संरक्षण में अवैध सट्टे का कारोबार फलता फूलता नज़र आ रहा है। इसका सीधा उदाहरण टंकी मरोदा के मैत्री गार्डन चौक के पास नेवई थाना से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर ही स्थित मजार के पास एक ठेले में यह अनैतिक कार्य संचालित हो रहा है।एक नेशनल टीवी चैनल के रिपोर्टर का ही सगा भाई व उसकी पत्नी इस कार्य को लंबे समय से संचालित करते आ रहे है। अगर कोई भी पुलिसकर्मी या मीडियाकर्मी इनके पास पहुच जाता है तो वो गुंडागर्दी करना शुरू कर देते है इतना ही नही अगर बात ज्यादा बढ़ती है तो यह सटोरिया और उसका पत्रकार भाई मारपीट करने पर उतारू हो जाते है जो कि आमजन के लिए खतरनाक तो है ही, बल्कि कही न कही पत्रकारिता जगत को कलंकित कर रहा है।
ऐसा ही एक मामला देर शाम नेवई थाना पहुंचा जहा सट्टे की अवैध कारोबार की सूचना पर खबर बनाने पहुंचे एक पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया गया । गुंडा तत्वों ने पत्रकार को गंभीर रूप से घायल तो किया ही बल्कि उसके पैसे और मोबाइल भी लूट लिए ।
पुलिस विभाग समेत कई सरकारी विभाग के अधिकारी भी है इस बदतमीज़ पत्रकार से त्रस्त
खबर के नाम पर लगातार डराने धमकाने का यह कार्य और धमकी देने से भी यह पत्रकार नही चुकता।बीते कुछ महीनों पहले भी पुलिस विभाग की पत्रकार वार्ता में यह पत्रकार बड़ी बदतमीज़ी के साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ पेश आया था जबकि वही हमारे कई वरिष्ठ पत्रकार भाइयों ने उसे प्यार से समझाने का भी प्रयास किया था परन्तु इस पत्रकार ने उनसे भी झगड़ा कर लिया और जमकर अपशब्दो का इस्तेमाल किया।यही हाल दुर्ग जिले के अधिकतर सरकारी अफसरों के साथ इस पत्रकार का व्यवहार भी कुछ इसी तरह का है जिससे कि सरकारी अफसर भी इस पत्रकार से त्रस्त होते नज़र आते है।अब देखना यह काफी दिलचस्प होगा इस पत्रकार का ख़ौफ़ और कितने दिनों चलता है जिसके वजह से यह अवैध अनैतिक कार्यो फलते फूलते नज़र आ रहे है।