शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे कोण्डागांव जिले के विद्यार्थी

Rajeev Gupta
कोण्डागांव। वर्तमान जिला प्रषासन द्वारा जिले में किए जा रहे चहुंमुखी विकास के बेहतरीन पर्दशन को नजर में रखते हुए, जहां एक ओर शासन के निति आयोग द्वारा कोण्डागांव जिले को प्रथम स्थान देकर सम्मानित किया गया है वहीं दुसरी ओर जिला मुख्यालय कोण्डागांव में स्थित जिला कार्यालय में जिले भर के विभिन्न ग्रामों से अपनी-अपनी समस्याओं, मांगों व शिकायतों को लेकर आने वाले ग्रामीणजनों की भारी भीड़ और ही कुछ कहानी बयां कर रही है।
ज्ञात हो कि भाजपा की पूर्व सरकार द्वारा जन समस्याओं के निपटारे के लिए प्रत्येक जिला कार्यालयों हेतु जारी फरमान कलेक्टर जनदर्षन के आयोजन (जो कि संभवतः वर्तमान में बंद किया जा चुका है) के मद्देनजर वर्तमान में भी जिले भर के ग्रामों से ग्रामीणजन भारी संख्या में जिला कार्यालय में पहुंचते हैं और जिला प्रषासन प्रमुख यानि कलेक्टर से मिलकर, अपनी-अपनी समस्याओं, मांगों व शिकायतों से रुबरु कराकर समाधान करने का आग्रह करते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा 27 अगस्त को भी देखने को मिला और इस दिन जिला कार्यालय में भारी भीड़ नजर आई, इस भीड़ में एआईएसएफ से जुडे जयप्रकाश नेताम, विनोद कुमार नाग भी नजर आए, जिन्होंने पूछे जाने पर बताया कि वे जिला कोण्डागांव के ज.पं. माकडी अंतर्गत आने वाले ग्रा.पं. तमरावण्ड के आश्रित ग्राम खुटबेड़ा के निवासी हैं और उनके ग्रा.पं. के मुख्यालय ग्राम तमरावण्ड में एक शा.हाई स्कूल और खुटबेडा में शा.प्रा.व माध्यमिक शाला का संचालन किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में दोनों ही शालाओं में शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और वहीं खुटबेडा में संचालित शाला भवन भी जर्जर हो चुकी है। उक्त स्कूलों की दोनों तरह की समस्याओं को दुर करने हेतु स्थानीय अधिकारियों से कई बार आग्रह किया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। यही कारण है कि उन लोगों को जिला कार्यालय तक आना पडा।
जयप्रकाष नेताम द्वारा दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि ग्रा.पं. तमरावण्ड में संचालित शा.मा.शाला को शासन द्वारा वर्ष 2018 में उन्नयन कर शा.हाई स्कूल बनाकर, दो शिक्षकों की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन नए सत्र वर्ष 2019 में इस हाई स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं हैं। इसी तरह ग्रा.पं. तमरावण्ड के आश्रित ग्राम खुटबेडा में शा.प्रा. व मा. शाला का संचालन किया जा रहा है, जिसमें एकमात्र शिक्षक को पदस्थ किया गया है, वो भी स्वास्थ्य खराब होने के कारण से स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। यही नहीं ग्राम खुटबेडा में संचालित शा.मा.व प्राथ.शाला भवन जर्जर हो चुके हैं, कभी भी हादसा होने की संभावना है। जर्जर भवनों की मरम्मत हेतु शिक्षकों द्वारा कई बार अपने उच्चाधिकारियों से आग्रह किया जा चुका है, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। जयप्रकाष नेताम ने प्रेस को जानकारी दी कि उक्त दोनों ही समस्या को एआईएसएफ द्वारा उच्चाधिकारियों तक पहुंचाकर समाधान करने का आग्रह किया जा रहा है, एक निर्धारित समय सीमा में समस्या का समाधान नहीं होने की स्थिति में एआईएसएफ आंदोलन के रास्ते पर कदम बढ़ाने को मजबूर होगी।