छत्तीसगढ़धर्म

धनबल ,ज्ञानबल और बलाबल व्यक्ति को भगवान से दुर करता है सदानन्द सरस्वती Wealth power, knowledge power and strength separates a person from God Sadanand Saraswati

धनबल ,ज्ञानबल और बलाबल व्यक्ति को भगवान से दुर करता है सदानन्द सरस्वती

मनुष्य का अज्ञान ही मनुष्य को दुःख पहुंचता है स्वामि: सदानन्द सरस्वती

कवर्धा

कवर्धा जिले के नेउरगांव खुर्द में दो दिवसीय धार्मिक आयोजन में पहुँचे स्वामि: सदानन्द सरस्वती ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य सुख प्राप्ति का ही उपाय करता है । मैत्रेय भगवान विदुर जी से कहते हैं कि आपका प्रश्न बहुत ही उत्तम है । सुख का स्वरूप क्या है , जो वस्तु आपके पास नही है, घर में नही है, आप उसी को खोजते हैं । आनन्द का भोक्ता हो जाने के कारण हम आनन्द को खोज रहे हैं । जो वस्तु आपके भीतर है आप उसे ही बाहर खोज रहे हैं , ,दुःख इसीलिए होता है ।
धनबल ,ज्ञानबल और बलाबल ने व्यक्ति को भगवान से दुर कर दिया है ।
अज्ञान ही मनुष्य के दुख का कारण है । अज्ञान को दुर करने के लिए ही मन्दिरों की व्यवस्था है, अज्ञान को दुर करने के लिए ही सत्संग की व्यवस्था है, जिससे अपने मन को जोड़ कर चिंतन मनन कर सुख को प्राप्त करते हैं । मठ, मन्दिरों ,सत्संगों एवं संत महात्माओं के पास जाकर अपनी जिज्ञासा रखते हुए समाधान प्राप्त करते हैं । स्वामि: जी ने कहा कि वो धर्म ही क्या है जो नष्ट हो जाय, वो धर्म ही क्या है जिसकी हम रक्षा करें ।
धर्म का पालन करना ही धर्म की रक्षा है ।
परलोक की जो चिंता करते हैं उन्हें इस लोक की चिंता करनी चाहिए । धनवान होने का अभिमान हमे निर्धनों से दुर कर देता है । ज्ञानी होने का अभिमान हमें अज्ञानियों से दुर कर देता है । बलवान होने का अभिमान हमें निर्बलों से दुर कर देता है । मनुष्य का अज्ञान ही मनुष्य को दुःख पहुँचता हैं। प्रवचन के अंत में स्वामि: सदानन्द सरस्वती जी कहा कि संग हमेशा अच्छे लोगों का करना चाहिए ।

शङ्कराचार्य जन कल्याण न्यास के प्रबंध ट्रस्टी चन्द्रप्रकाश उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि कवर्धा जिला धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज को सर्वाधिक प्रिय रहा , कवर्धा जिले के वासीयों का परम् सौभाग्य है कि शङ्कराचार्य जी सहीत दण्डी सन्यासियों तथा संत महात्माओं के दर्शन शुलभ होते रहते हैं, आज हम आप प्रतिनिधि के रूप में साक्षात द्वारकाधीश जी के दर्शन कर रहे हैं,
यह हम सबका परम् सौभाग्य ही है कि हमारे विनम्र निवेदन को स्वीकार करते हुए दण्डी स्वामि: सदानन्द सरस्वती जी ने अपने कई व्यस्त धार्मिक आयोजनों के कार्यक्रम को स्थगित करते हुए कवर्धा जिला वासियों को अपना दो दिन का बहुमूल्य समय प्रदान किये ।

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