*कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे ने केला तना रेशा से निर्मित हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद प्रशिक्षण कार्यक्रम अन्तर्गत प्रशिक्षणार्थी एवं प्रशिक्षकों का किया सम्मान*
बेमेतरा:- जिला प्रशासन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के संयुक्त तत्वाधान में गौठान ग्राम राखी , विकास खंड , साजा में ” केला तना रेशा से निर्मित हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद निर्माण विषय पर 29 अप्रैल 2022 से 13 मई 2022 तक आयोजित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर आज प्रशिक्षणार्थी एवं प्रशिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान एवं धर्मेन्द्र सिंह पुलिस अधीक्षक, डॉ . पी.के. चन्द्राकर, निदेशक विस्तार सेवाएं, डॉ. विवके त्रिपाठी निर्देशक अनुसंधान सेवाएं, लीना कमलेश मंडावी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बेमेतरा, दिनेश वर्मा, अध्यक्ष, जनपद पंचायत, साजा के साथ ईश्वरी चौबे, सरपंच प्रकाश चौबे, पूर्व सरपंच पूरन यादव, उप सरपंच और रामाधार यादव, ग्राम गौठान समिति अध्यक्ष, ग्राम पंचायत राखी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुरूआत कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। डॉ . रंजित सिंह राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा द्वारा ग्राम गौठान राखी के स्व सहायता समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनके द्वारा संचालित केला तना रेशा उत्पादन इकाई को विस्तार देने के लिए उत्तर प्रदेश से आये हुए मास्टर ट्रेनर रवि प्रसाद, प्रेमवती, कुमारी समुन्दर के मार्गदर्शन में आयोजित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्मित हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यह बताया गया कि 20 जनवरी से केला तना रेशा उत्पादन इकाई का प्रारंभ किया गया था उन्नति केला तना रेशा उत्पादक समिति द्वारा अप्रैल तक 1.5 टन रेशा का उत्पादन किया जा चुका है एक टन रेशा गुजरात की कंपनी केनवलूप फाईवर लिमिटेड को 115 रूपये प्रति किलो की दर से 1.15 लाख रू. का विक्रय किया गया। कम्पनी द्वारा ट्रान्सपोटेशन एवं जी.एस.टी. वहन किया जावेगा। इसके अतिरिक्त केला तना जल एवं पल्प से 1.25 लाख रूपये प्राप्त किये है। गुजरात की कम्पनी द्वारा तीन साल के लिए 1 से 2 टन रेशा प्रतिमाह खरीदने का कान्ट्रेक्ट महिला समिति से किया जा रहा है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा केला तना रेशा से निर्मित हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पाद बनाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने की दिशा में कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा की अनूठी पहल को काफी सराहनीय बताया। कुलपति डॉ गिरीश चंदेल द्वारा केला तना रेशा से हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों का अवलोकन कर प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के तकनीकी मार्गदर्शन में अपने आय के श्रोत बढ़ाकर अच्छी आमदनी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. पी.के. चन्द्राकर व डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने गौठान ग्राम राखी में केवीके के द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना करते हुए केला तना रेशा से निर्मित हस्तशिल्प एवं हथकरघा के उत्पाद को काफी पसंद किया। इस कार्यक्रम के संचालन में कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा, कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकगण एवं कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मछली पालन विभाग, पशुपालन विभाग एवं जनपद पंचायत, साजा अधिकारी एवं कर्मचारीगण तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा।