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बदरीनाथ धाम से आरम्भ हुआ ‘चमोली-मंगलम्’ अभियान
स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी ने किया शुभारंभ
ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय एवं परमधर्मसंसद् 1008 के तत्वावधान में श्री स्वामि: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी की गरिमामय उपस्थिति एवं बद्रीनाथ धाम के विशिष्ट जनों की मौजूदगी में दीप-प्रज्ज्वलन के साथ चमोली-मंगलम्’ अभियान आरम्भ हो गया।
शङ्कराचार्य जन कल्याण न्यास के मिडीया प्रभारी पण्डित देव दत्त दुबे ने बताया कि यह अभियान भारतीय संस्कृति के उद्घोष ‘स्वस्ति अस्तु विश्वस्य’ को मूर्त रूप प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ किया गया जिसका तात्पर्य है– विश्व का कल्याण हो।
चमोली जिले का सर्वविध अभ्युदय होगा अभियान का लक्ष्य
विश्व-मंगलम् अभियान के विश्व-प्रमुख धर्मश्री अरविन्द भदौरिया ने जानकारी दी कि हम पूरे विश्व के मंगल की कामना तो कर सकते हैं पर उसके लिये व्यावहारिक प्रयास तो किसी छोटी इकाई से ही प्रारम्भ किया जा सकता है। इसीलिए हमने यह कार्य भारत के उस जिले से आरम्भ करना चाहा जो भारत के शिरमौर बदरीनाथ धाम और सनातन धर्म के सबसे बडे केन्द्र ज्योतिर्मठ का जिला है। इस चमोली जिले को हर तरह से समृद्ध, खुशहाल और समर्थ बनाना ही हमारे अभियान का लक्ष्य है।
हमारा नारा ‘भवतु चमोली-मंगलम्’
धर्मश्री अरविन्द भदौरिया ने कहा कि
हमारा नारा होगा-भवतु चमोली-मंगलम् । जिसका अर्थ है कि चमोली का मंगल हो।
चलेगा पंच-मंगल कार्यक्रम
‘चमोली-मंगलम्’ अभियान के चमोली प्रमुख प्रकाश रावत के अनुसार इस अभियान के तहत चमोली जिले भर में पंच-मंगल कार्यक्रम चलाये जायेंगे। जिनके नाम हैं- क्षुधा-मंगल, शिक्षा-मंगल, चिकित्सा-मंगल, रोजगार-मंगल और अनुष्ठान-मंगल। जिले भर में कोई भूखा, अशिक्षित, बीमार, बेरोजगार और अवसादग्रस्त न रहे यही इन पंच-मंगल कार्यक्रमों का उद्देश्य है।
आज से आरम्भ होगा मंगल-भगवन्नाम-संकीर्तन’
भगवान् को ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ कहा गया है। इसलिए चमोली के मंगल के लिये आध्यात्मिक उपाय के रूप में भगवान के पवित्र नाम का संकीर्तन अखण्ड रूप से प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक क्रमशः किसी न किसी ग्राम/मोहल्ले में चलता रहेगा।
अगले एक महीने तक होगा सर्वेक्षण
आज से आरम्भ हुये इस कार्यक्रम के लिये पहले एक माह की अवधि में जिले के सभी गावों से सम्पर्क स्थापित कर सर्वेक्षण किया जायेगा जिससे हमें अनुमान हो सके कि हमें कहां किस तरह के कार्य करने हैं। एक महीने बाद अगले ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को कार्यक्रम आरम्भ कर दिये जायेंगे।
विश्व-मंगलका प्रथम सोपान है ‘चमोली-मंगलम्’
कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि एवं परमधर्मसंसद् 1008 के प्रवर धर्माधीश
स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ने कहा कि भगवान् बदरीनाथ जी की कृपा, पूज्यपाद शंकराचार्य जी के आशीर्वाद तथा कार्यकर्ताओं की सदिच्छा से यह ‘चमोली-मंगलम्’ कार्यक्रम निश्चित ही सफल होगा और हमें विश्व-मंगल की ओर ले जाने की पहली सीढी के रूप में याद किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिर्मठ सनातन धर्म की उत्तर राजधानी है इसलिए जिस जिले में यह स्थित है कम से कम वह जिला तो मंगलमय होना ही चाहिए। अतः इस प्रकार के कार्यक्रम आवश्यक हैं।
कार्यक्रम में परमधर्म संसद् 1008 के छत्तीसगढ प्रमुख सर्वश्री चन्द्र प्रकाश उपाध्याय, दिल्ली प्रदेश प्रमुख पंकज पाण्डेय, बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल , ब्रह्मचारी श्रवणानन्द, श्री बद्रीनाथ पण्डा पञ्चायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया , दिनकर बाबुलकर , माणा गांव के प्रधान पीताम्बर सिंह मूलपा , बृजेश सती, उमेशचन्द्र सती, प्रकाश रावत , आत्मानन्द , शिवानन्द उनियाल , कुशलानन्द बहुगुणा आदि उपस्थित रहे।