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*सहकारी समितियों में अनाधिकृत रूप से झाइम खाद की बिक्री से किसानों में नाराजगी, जिला प्रशासन की अस्पष्टता से असमंजस*

*(किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में क्षेत्र के किसान जिला कृषि अधिकारी को आज सौंपेंगे ज्ञापन)*

 

बेमेतरा:- जिले की सहकारी समितियों में अमानक व अनाधिकृत रूप से झाइम खाद के बिक्री की लगातार शिकायत मिल रही है। कृषि विभाग की कार्रवाई के बावजूद अनाधिकृत खाद की बिक्री जारी है। उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी समितियो में मार्कफेड से खाद और बीज निगम से आपूर्ति किए गए बीज की अधिकृत रूप से बिक्री की जाती है, लेकिन जिले के लगभग सभी समितियों में झाइम खाद की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। इस सम्बंध में बेमेतरा विधानसभा के किसानों ने किसान नेता योगेश तिवारी से शिकायत कर निराकरण की मांग की है। किसान नेता ने कहा कि कृषि विभाग की ओर से जिन समितियों में कार्रवाई की गई है, वहां खाद को लेकर समितियों के पास से कोई भी दस्तावेज नहीं मिले हैं। किसानों को अमानक खाद खपाई जा रही है। सहकारी समितियों में झाइम खाद की बिक्री पर तुरंत रोक लगाने किसान नेता योगेश तिवारी क्षेत्र के किसानों के साथ कृषि अधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। कृषि विभाग ने 3 समितियों से 1500 बाल्टी झाइम खाद की जप्त किसान नेता ने कहा कि अनाधिकृत रूप से खाद बेचने का काम समितियों में किया जा रहा है। कृषि विभाग की टीम ने सेवा सहकारी समिति चंदनू, खंडसरा और उमरिया में में अनाधिकृत रूप से बेची जा रही झाइम खाद की लगभग 1500 बाल्टी खाद जब्त किया है। जैविक खाद के नाम पर किसानों को अन्य खाद भी दिया जा रहा है। इसे लेकर किसानों में खासी नाराजगी है। समिति चंदनू और खंडसरा में ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर जब औचक निरीक्षण किया गया। जिसमे किसानों की शिकायत सही मिली।

*किसानों को जबरदस्ती थमाया जा रहा झाइम खाद*

कोमल साहू ग्राम नेवनारा, देवकुमार साहू ग्राम कुसमी, रघुवीर साहू ग्राम आंदु, दिलरहण सिन्हा नवागांव ने बताया कि क्षेत्र के किसानों को सेवा सहकारी समितियों में किसानों को जबरदस्ती झाइम खाद थमाया जा रहा है। इसके लिए किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है, वही इस खाद की रसीद भी नहीं दी जा रही है। स्पष्ट है कि झाइम खाद को अनाधिकृत रूप से बेचा जा रहा है। लगातार शिकायत के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं होने से अवैध कृत्य कर रहे हैं, कर्मियों के हौसले बुलंद हैं। इससे क्षेत्र के किसान ठगे जा रहे हैं।

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