बिलासपुर

वंदना हॉस्पिटल को मिला न्याय,भाड़ा नियंत्रण अधिकरण रायपुर ने ताला खोलने का दिया निर्देश, प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा जबरिया कराया गया समझौता को बताया अवैध

बिलासपुर – वंदना हॉस्पिटल के पार्टनर ,मकान मालिक संजय जैन के बीच चल रही लम्बी लड़ाई के बीच आज वंदना हॉस्पिटल को अंततः मिला न्याय, भाड़ा नियंत्रण अधिकरण रायपुर का आदेश प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा जबरिया कराया गया समझौता को अवैध करार देते हुए तत्काल वंदना हॉस्पिटल का अधिकारियों द्वारा लगाया गया ताला खोलने का दिया निर्देश हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार वंदना हॉस्पिटल का भवन पर कब्जा वाद निराकरण तक बनाए रखने का दे दिया है आदेश।

जिला प्रशासन के द्वारा भी वंदना हॉस्पिटल के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही किए जाने को लेकर गत दिवस हाईकोर्ट ने भी कड़ी टिप्पणी की थी। और अब भाड़ा नियंत्रण अधिकरण रायपुर ने भी जिला प्रशासन द्वारा किए गए कृत्य को भी अवैध करार देते हुए गम्भीर टिप्पणी करते हुए बिना किसी रोक टोक के तत्काल बंद ताला को खोलने का आदेश दे दिया है, वंदना हॉस्पिटल प्रबंधन को जिला प्रशासन के द्वारा किसी न किसी छोटी बात पर तंग किया जाता रहा है। कभी राजस्व अमला के द्वारा तो कभी जिला स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से परेशान किए जाते रहे है। आखिर इसके पीछे छिपी ऐसी कौन सी मंशा है जिसके चलते वंदना हॉस्पिटल को एक तरफा परेशान किए जा रहे है। यहां तक पुलिस विभाग भी वंदना के पीछे हाथ धोकर पड़ी है। कहीं ऐसा तो नही की वंदना हॉस्पिटल का एक विवादास्पद डॉक्टर जो अपने आप को प्रदेश के मुखिया का रिश्तेदार बता जिला प्रशासन पर दबाव डाल रहा है, इसके चलते हाईकोर्ट से और अब भाड़ा नियंत्रण अधिकरण से सुनना पड़ रहा है। अब देखना होगा कि इसके बाद जिला प्रशासन का रुख क्या होता है ,अथवा परदे के पीछे राजनीति कर रहे डाक्टर अब कौन सा चाल चलने वाला है जिस पर प्रशासनिक अमला आदेश का पालन करेगा !

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गलत तरीके से बिलासपुर के तहसीलदार रमेश मोर द्वारा एक तरफा कब्जा वारंट जारी करने के खिलाफ हाईकोर्ट ने वंदना मल्टी हॉस्पिटल के
अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने वंदना हॉस्पिटल की ओर से बहस करते हुए हाईकोर्ट में कहा कि रेंट कंट्रोल ने अभी तक ऐसा कोई आदेश नही दिया है कि उसको मकान को खाली किया जाय जबकि अभी तक किराएदार के द्वारा कोई भी लिखित कम्प्लेन विभाग को नही दिया है ।इस स्थिति में तहसीलदार बिलासपुर के द्वारा भवन मालिक संजय जैन को कब्जा दिलाने गलत तरीके से वारंट जारी किया गया है जो कि गलत है। जिससे हाईकोर्ट वंदना हॉस्पिटल को अन्तरिम सुरक्षा दी जाय।
सरकारी वकील राहुल झा ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि इस याचिका को रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल के समक्ष चुनोती करनी चाहिए , वहीं अधिवक्ता जितेंद्र नन्दे ने यह प्रस्तुत किया कि यह याचिका हाईकोर्ट के सामने पोषणीय नहीं है और प्रार्थी को रेंट कंट्रोल के समक्ष जाना चाहिए। इसके जवाब में अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने यह प्रस्तुत किया कि बिलासपुर तहसीलदार के द्वारा अवैध एव मनमानी करते हुए एक तरफा गलत वारंट जारी करते हुए कब्जा दिलाने का नोटिस दिया।
न्यायालय ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद इस विचार पर पहुंचे की तहसीलदार के द्वारा बेदखली वारंट पर रोक लगा दिया है और इस याचिका को रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल में जाने का दिशा निर्देश दिया है।

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