*बेमेतरा के कृषकों में ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन*
बेमेतरा:- जिला-बेमेतरा के कृषकों में ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कल कृषि विज्ञान केन्द्र-ढोलिया में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिऐंसी, भारत सरकार के वित्तीय सहायता एवं छ.ग.राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) व कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यशाला मे कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान द्वारा उपस्थित कृषकों को ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया गया। कलेक्टर द्वारा कृषकों को जल सरंक्षण के उपाय जैसेः-घरों में रेन वाटर हारवेस्टिंग, अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना, जल का व्यर्थ उपयोग व बहने से रोकना, सिंचाई हेतु ऊर्जा दक्ष पंप का उपयोग के बारे में बताया गया तथा ऊर्जा संरक्षण के उपाय जैसेः-घर से बाहर जाने पर लाईट व पंखें को बंद करना, घरों में लाईट, पंखे, टी.वी., फ्रीज, एसी हेतु ऊर्जा दक्ष उपकरण का उपयोग इत्यादि से अवगत कराया गया। उपस्थित कृषकों को अपने दैनिक जीवन में ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ का समुचित उपयोग कर संरक्षण में अपना विशेष योगदान देने हेतु आह्वान किया गया। वर्तमान में ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ पर भरपूर योगदान देने हेतु कहा गया ताकि पारंपरिक ऊर्जा के स्त्रोत्र जैसेः- कोयला, पेट्रोलियम, लकड़ी इत्यादि पदार्थों पर निर्भरता व उनकी खपत कम से कम हो, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को सुचारु रुप से ऊर्जा एवं जल उपलब्ध हो तथा उन्हे किसी प्रकार की परेशानी न हो। कृषकों को कार्यशाला में दी गई जानकारी से अपने आस-पड़ोस के अन्य व्यक्तियों को बताकर ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ के उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देने हेतु कहा गया।
क्रेडा, क्षेत्रीय कार्यालय राजनांदगांव के कार्यपालन अभियंता संतोष धु्रव एवं क्रेडा, जिला कार्यालय बेमेतरा के सहायक अभियंता डी.एस.सिदार द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य से अवगत कराकर समस्त उपस्थित कृषकों को ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही पारंपरिक ऊर्जा के बचत एवं नवीकरणीय ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों रंजीत राजपुत, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा, डॉ. उमेश ध्रुव, सहायक प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय बेमेतरा, श्यामलाल साहू, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विभाग बेेमेतरा, डॉ. सुरेन्द्र चंदनिया सहायक प्राध्यापक (मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग) बी.आर.एस.एम.सी.एस.ई.टी. मुंगेली, डॉं. जितेन्द्र सिन्हा, सह प्राध्यापक (मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग) बी.आर.एस.एम.सी.एस.ई.टी. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं दिनेश सिन्हा, संस्थापक, मेसर्स सोलेक्सी ईको पावर साल्यूशन द्वारा ‘‘ऊर्जा एवं जल सरंक्षण‘‘ के बारे में उपस्थित कृषकों को पावर पाईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक समझाया गया। जल सरंक्षण के महत्व व उपयोगिता के संबंध में संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के स्त्रोत्र जैसेः-सोलर पंप, सोलर पावर प्लांट, सौर गर्म जल संयंत्र, हाईड्रो पावर, सोलर-कुकर, बायोमास इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई। उपस्थित सभी कृषकों को अपने दैनिक जीवन में ‘‘ऊर्जा एवं जल संरक्षण‘‘ के उपायो को लागू कर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने हेतु जागरुक व प्रेरित किया गया। इस कार्यशाला को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. जितेन्द्र जोशी एवं क्रेडा के उप अभियंता खेमराज वर्मा का विशेष योगदान रहा।