महिला सेल नाम की दुर्ग जिले में नही है कोई चीज, जयंती स्टेडियम व आसपास का क्षेत्र बना अनैतिक कार्य का अड्डा
भिलाई। दुर्ग पुलिस देश का प्रसिद्ध त्यौहार होली को शांतिप्रिय ढंग से निपटाने में सफल रही दो पहिया वाहनों में तीन सौ से अधिक मामले को पकड़कर जब्त की। कोर्ट से चालानी कार्यवाही के बाद छोड़ी जा रही है, लेकिन दुर्ग पुलिस के थानों की पेट्रोलिंग और ट्राफिक पुलिस की कार्य प्रणाली पर अब प्रश्र चिन्ह लगने लगा है, एजूकेशन हब कहलाने वाला भिलाई जिसको शिक्षा के साथ ही फिटनेश हब के रूप में जाना पहचाना जाता है।
भिलाई के क्षेत्र सिविक सेंटर, जयंती स्टेडियम, भिलाई होटल, भिलाई क्लब के आस पास का नजारा इन दिनो बड़ा ही अजीब होता जा रहा है। एजूकेशन हब और फिटनेस हब के नाम से जाने पहचाने जाने वाले इस नगरी को अब दारू हब और अय्याशी हब के नाम से जाना पहचाना जा रहा है।
असामाजिकतत्व इस क्षेत्र को बदनाम करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। दुर्ग पुलिस केवल दो पहिया वाहनों पर ही कार्यवाही कर स्वयं ही अपनी पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है। जबकि सिविक सेंटर, जयंती स्टेडियम, भिलाई होटल, भिलाई क्लब के आस पास के क्षेत्रों में चार पहिया वाहनों में सवार रईसजादे और रसूखदार लोग चमचमाती गाडिय़ों में खुलेआम कई प्रकार के नशे को बेखौफ होकर सेवन कर रहे है,
वहीं यह क्षेत्र अय्याशी का पूरा ही अड्डा बन गया है। यहां ईश्कमिजाजी तो ऐसे हो रही है जैसे दुर्ग में महिला सेल नाम की कोई चीज ही नही है। जबकि महिलाओं के लिए महिला एडिशनल एसपी व महिला थानेदार जिले में तैनात है, लेकिन किसी को फुर्सत नही है कि कम उम्र की लड़की रात 11-12 बजे तक यहां क्या कर रही है, कोई पूछने वाला नही है? रात के अंधेरे में सारा गलत काम यहां बेखौफ हो रहा है।
व्हीव्हीआईपी जिले में महिला की सुरक्षा प्रथम होनी चाहिए लेकिन पुलिस सिर्फ दो पहिया वाहनों को पकडऩे और चालान करने तक ही अपने आप को सीमित कर रखी है। बड़ी और चार पहिया वाहनधारियों को पकडऩे और उसपर कार्यवाही करने में पुलिस का पसीना छूट रहा है। जबकि आज के दौर में सबसे अधिक अनैतिक व गलत कार्य इन चमचमाती चार पहिया काली फिल्म लगी वाहनों में ही हो रही है। पुलिस स्वयं भी पहले कई बार ऐसे वाहनों को पकड़कर ऐसे वाहनों में अवैध शराब का कारोबार, गांजा तस्करी से लेकर कई कई गलत कार्य होने का खुलासा कर चुकी है, लेकिन कुछ सालों से पुलिस द्वारा चार पहिया वाहनों को नही पकड़ती और किसी भी प्रकार की इनपर कार्यवाही नही करना पुलिस प्रशासन को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सीएम और एचएम के गृह जिले में पुलिस द्वारा सिर्फ दो पहिया वाहनों पर कार्यवाही और चार पहियावाहनधारियों पर आखिर पुलिस क्यों मेहरबान है?
चारपहिया वाहनों पर कार्यवाही नही करने की कार्यप्रणाली से जनता में बेहद नाराजगी है। बताया जाता है कि पुलिस को इन चार पहिया वाहनों पर कार्यवाही करने में पसीना इसलिए छूट जाता है कि चूकि कांग्रेस, भाजपा एवं अन्य राजनीतिक दलों से ये सीधे जुड़े हुए है और बड़े घराने के लोग हो सकते है, इसलिए पुलिस इनपर हाथ डालने में डर रही है।