छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में होगा विकास-महापौर निर्मल कोसरे ने किया गोठान का लोकार्पण

भिलाईतीन। भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे ने आज वार्ड क्रमांक 40 गनियारी में निर्मित गोठान का लोकार्पण किया। उन्होंने महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से गोठान में गोबर खरीदी का भी शुभारंभ किया। पहले दिन 200 किलो गोबर की खरीदी की गई। श्री कोसरे ने गनियारी के गोठान को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने की घोषणा की।
महापौर निर्मल कोसरे ने ग्राम गनियारी में नगर निगम द्वारा 25 लाख की लागत से लगभग 4 एकड़ जमीन पर बनाए गए गोठान का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने भ्रमण कर डबरी, कोटना, पानी की व्यवस्था, शेड, चारागाह आदि का निरीक्षण किया।

उन्होंने गायों की पूजा की और चारा भी खिलाया। महापौर ने गोठान का संचालन करने वाली करुणा माता महिला स्व सहायता समूहए गुरु वंदना महिला स्व सहायता समूह, नई दिशा महिला स्व सहायता समूह और जय मां शाकंभरी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को मवेशियों के लिए चारा सहित सब्जी व फल-फूल के पौधे रोपित कर आय अर्जित करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गनियारी का यह गोठान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार की नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी के अवधारणा को भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में साकार करने में सफल होगा।

आने वाले दिनों में इस गोठान को मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर निगम के आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौरए सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अश्वनी चन्द्राकरए पूर्व पार्षद धर्मेन्द्र कोसरेए असफाक अहमदए वार्डवासी सहित बड़ी संख्या में महिला स्व सहायता समूह की सदस्य और ग्रामीण उपस्थित थे।

खेत में लगी फसल रहेगी सुरक्षित
श्री कोसरे ने कहा कि गांव के समृद्धि की पहचान गायों से है। मवेशियों के होने से ही फसल उत्पादन में वृद्धि संभव है। गोठान में गायों के रहने से खेत में लगी फसल सुरक्षित रहेगी। इसके लिए खेत को घेरने की आवश्यकता नहीं होगी। गोठान में पानी, चारा, छांव आदि की व्यवस्था होने से मवेशी गोठान की ओर आकर्षित होंगे। मवेशियों को गोठान में रखने से उनके चलते होने वाली सड़क दुघर्टनाओं में विराम लग जाएगा।

उन्होंने कहा कि गोठान में गायों के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाएगा। जैविक खेती के लिए इस खाद की विशेष मांग है। इसे किलो के भाव से बेचकर अधिक आमदनी ली जा सकेगी।

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