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घर की छतों पर गौरैया की चहचाहट वापस लाने के लिए वन विभाग ने शुरू की मुहिम Forest Department started a campaign to bring back the sparrow’s chirping on the roofs of the house

हर घर में चहचहाने वाली गौरैया Sparrow को ढूंढने के लिए मेरठ वन विभाग ने नई पहल की शुरुआत की है.गौरैया की गिनती counting करने के लिए विभाग द्वारा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से जनता के बीच यह संदेश भेजा जा रहा है कि यदि किसी को कहीं पर भी गौरैया का घोसला या गौरैया दिखती है तो वो फ़ोटो लेकर व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से गौरैया का पता बता सकते हैं.जिससे गौरैया की गणना की जा सके.इस मुहिम में वन विभाग ने सामाजिक संस्थाओं NGO को भी अपने साथ जोड़ा है.इसके बाद सामाजिक संस्थाएं भी गौरैया को ढूंढने और बचाने के लिए अनेकों प्रयास कर रही हैं.घोंसले के साथ-साथ मिट्टी के बर्तन कर रहे वितिरत
सामाजिक संस्थाएं भी अब गौरैया को ढूंढने में लगी हुई हैं.जिसमें वह जागरूकता अभियान चलाकर कहां गई मेरे आंगन की गौरैया को ढूंढ रही हैं.एनवायरनमेंट क्लब के सदस्य द्वारा विशेष रूप से जिनके घर के आस-पास भी गौरैया आती है.उन लोगों को मिट्टी के बर्तन भी वितरित किए जा रहे हैं.बताते चलें कि गौरैया के बारे में कहा जाता है कि यह घर के बीच में रहकर भी दाना पानी खा लेती है.मनुष्य से मिलनसार होती है.लेकिन कहीं ना कहीं बढ़ती आबादी के बीच अब गौरैया की संख्या कम हो गई है.

इस मुहिम में आमजन का भरपूर सहयोग मिल रहा है.लोग ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से भी गौरैया का पता बता रहे हैं.उन्होंने कहा कि गौरैया के लिए विशेष रूप से घोंसले व अन्य प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही हैं हालांकि यह चिड़िया घर में ही रहना पसंद करती है. ऐसे में इनकी गणना की जा रही है.जिससे कि पता चल सके कि मेरठ में कुल कितनी गौरैया हैं.

 

 

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