*रूखमणी विवाह में उमड़ा भक्तो का जनसैलाब, विवाह में झूमे भक्तजन*
बेमेतरा/देवरबीजा:- श्रीमद भागवत कथा रूखमणी विवाह में बाराती बन श्रीकृष्ण की बारात में सैकड़ो लोगो ने कृष्ण भक्ति में भाव-विभोर हो झूमते-नाचते, ढोल, नगाड़े के मधुर धुन में चले कृष्ण रूखमणी विवाह रचाने। बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा, टी आर साहू जिला पंचायत सदस्य, सुनीता नोहर देवांगन सरपंच, मुकेश देवांगन, दिनेश देवांगन, मदन देवांगन, चंद्रप्रभा, शशि प्रभा, शिव कुमार, देवसागर, शशिभूषण, पूर्वी, गरिमा, वासुदेव, सृजन, महिमा, तान्या अनन्या, विजय लक्ष्मी, कल्याणी, योगिता देवांगन, दिलीप देवांगन थान खम्हरिया, संतराम देवांगन, नोहर देवांगन, कामदेव देवांगन सहित हजारो भक्तो ने बारातियो का आत्मीय स्वागत किया। नगर में भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण और रूखमणी विवाह प्रसंग आने पर श्रद्धालु झूम उठे। वही धूमधाम से विवाह संपन्न हुआ। भजनों के बीच राधा-कृष्ण संग सखियों और भक्तों ने महारास का आनंद लिया। दोनों प्रसंगों के दौरान जय श्रीकृष्ण, राधे कृष्ण के जयकारे से पंडाल भक्ति मय हो गया।
गुरुकृपा सदन बाजार चौक देवरबीजा में स्वर्गीय दाऊ घनश्याम सिंह देवांगन की स्मृति में मुकेश देवांगन, दिनेश देवांगन
परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कथा व्यास पं०श्रद्धेय राजेश पांडे रायपुर वाले ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाते हुए कहा राजा भीष्मकाय के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ और बाल अवस्था से वह भगवान कृष्ण को चाहने लगी थी। लेकिन भाई उसका विवाह राजा शिशुपाल से कराना चाहता था। भाई की इच्छा के खिलाफ जाकर रुक्मिणी ने सुदेव ब्राह्मण से कहा मैं कृष्ण से विवाह करना चाहती हूं और पत्र श्रीकृष्ण तक पहुंचाने के लिए दिया। पत्र में लिख वह श्रीकृष्ण को पति रुप में पाने के लिए प्रतिदिन पार्वती की पूजा करने मंदिर जाती है। आप मुझे यहां से ले जाओ, आप इस दासी को स्वीकार नही करेंगे तो मैं हजारों जन्म लेती रहूंगी। किसी अन्य पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती हूं। जब पार्वती के पूजन के लिए रुक्मिणी पहुंची तो श्रीकृष्ण ने हरण कर लिया। पं. पांडे ने बताया रूखमणी भगवान श्रीकृष्ण की पहली रानी थी। उक्त कथा प्रसंग से श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। मेरे श्याम की शादी है…ओ सांवरे ओ सांवरे… आओ मेरी सखी मुझे मेहंदी लगा दो… भजन की प्रस्तुति पर श्रद्धालु थिरकने लगे सहित सैकडों महिलाओ ने छत्तीसगढ़ी भड़ौनी गीत से अनुपम छटा बिखेर उपस्थित सभी श्रद्धलुओ को थिरकने विवश कर दिया। कथा व्यास पांडे ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि धन्य है हमारे देवांगन परिवार जो ऐसे वृहद धार्मिक आयोजन कर हम सबको बैतरणी पार करवाने सुअवसर उपलब्ध करा रहे है और मैं भी धन्य हूँ जो इस कथा का रसपान आपको करवा रहा हूँ। इस घर से मेरा आत्मीय संबंध है। ऐसे आयोजन से पूरा नगर गौरांवित है।