छत्तीसगढ़

ओम शांति भवन खड़मा में आध्यात्मिक होली महोत्सव Spiritual Holi Festival at Om Shanti Bhawan Khadma

*ओम शांति भवन खड़मा में आध्यात्मिक होली महोत्सव*

*मड़ेली-छुरा/* ग्राम खड़मा स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ओम शांति भवन में आध्यात्मिक होली महोत्सव आयोजित किया गया। होली के आध्यात्मिक अर्थ पर प्रकाश डालते हुए अंशु दीदी ने कहा की होली का तीन अर्थ है।

 

अंग्रेजी में होली का अर्थ होता है पवित्रता अर्थात पवित्र बनो, राजयोगी बनो। दूसरा अर्थ होली अर्थात पास्ट इज पास्ट। जो हो ली सो हो ली। बीति ताहि बिसारिये… जो भी नकारात्मक और व्यर्थ है उसे फुलस्टाप लगाएं। होली का तीसरा अर्थ है, आत्मा परमात्मा की हो ली अर्थात बन गई। आत्मा ईश्वर की हो गई। जब आत्मा ईश्वर की बन जाती है तो सदा सुख शांति में रहती है।  उन्होंने कहा कि होली पर स्वयं को ज्ञान, आनंद, प्रेम का रंग लगाएं। यही रंग हम सभी को लगाएं तो सभी को खुशी मिलेगी। कोसरीया यादव समाज के जिला अध्यक्ष गोविंद यादव ने  कहा होली के पूर्व हाेलिका दहन करते हैं। अर्थात मन में जो भी व्यर्थ, दुख, तकलीफ आदि की बातें हैं, किसी के प्रति, उनसभी को होली में  सम्मत जला दें तो मन में एक दूसरे के प्रति सद्भावना स्वत उत्पन्न होती है। संस्थान के सदस्यों ने होलिका दहन किया जिसमें दुख देने वाले अपने अंदर के सूक्ष्म मनोविकारों को,मन में चलने वाली   नकारात्मक संकल्प विकल्पों को,दृढ़ संकल्प लें होलिका में अर्पण कर स्वयं ,समाज,राष्ट्र,प्रकृति,व विश्व शांति के लिए परमात्म पिता से सुख,समृद्धि,शांति की कामना किए।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी चंद्रिका बहन, यादराम साहू जी,उपेन्द्र चंद्राकर जी गोविंद यादव,हेमलाल भाई,तिहार सिंग,अगहन सिंग ठाकुर, रोहन सोनी,तेजस्वी यादव, सज्जन भाई, केशर सिन्हा, राधिया माता जी, हेमीन निषाद माता जी आदि उपस्थित थे।

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