छत्तीसगढ़

दो दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सबका संदेश न्यूज़- जन्माष्टमी  इस बार किस दिन मनाई जाएगी इसे लेकर लोगों में अभी भी उलझन है। यह उलझन 23 और 24 अगस्त को लेकर है। पंचाग को देखें तो अष्टमी तिथि 23 अगस्त की सुबह 8.09 बजे से शुरू हो रही है और यह 24 अगस्त की सुबह 8.32 बजे खत्म होगी।

वहीं रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त की सुबह 3.48 बजे से शुरू होगा और 25 अगस्त की सुबह 4.17 बजे उतरेगा। कुछ पंडितों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त की रात 11.56 बजे से ही शुरू हो जाएगा। जानकारों अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिहाज से यह दोनों संयोग 23 अगस्त को बन रहे हैं। हालांकि कई जानकार 24 अगस्त को इस बार जन्माष्टमी मनाना शुभ मान रहे हैं।

वृंदावन में 23 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। पंडित कामेश्वर तिवारी ने बताया कि इस बार मथुरा में 24 अगस्त यानि दो दिन कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में 23 को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन होगा। आपको बता दें कि पंडितों का मानना है कि गृहस्थ आश्रम के लिए जन्माष्टमी का व्रत निर्विवाद रूप से 23 अगस्त को ही है।

ऐसे करें जन्माष्टमी का व्रत
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन कृष्ण पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं। जन्माष्टमी का व्रत रखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि व्रत के एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए। जन्माष्टमी के दिन सुबह नहा धोकर व्रत रखें फिर अगले दिन रोहिणी नक्षत्र खत्म होने के बाद और अष्टमी तिथि खत्म होने के बाद व्रत खोलें।

ऐसे करें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा 
जन्माष्टमी के दिन सुबह से उठकर अच्छे व साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण या लड्डू गोपाल की मूर्ति को स्नान करवाकर मूर्ति को दूध, केसर, शहद और शक्कर से स्नान करवाएं। इसके पश्चात दोबारा शुद्ध जल स्नान करवाएं। फिर लड्डू गोपाल को अच्छे वस्त्र पहनाकर उनका श्रृंगार करवाएं। रात 12 बजे श्रीकृष्ण का पूजन करें और झूला झूलाएं।

 

 

 

 

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