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आखिर क्यों है PPF, सुकन्या समृद्धि योजना और NPS में हर साल पैसा जमा करने की जरूरत After all, why is there a need to deposit money every year in PPF, Sukanya Samriddhi Yojana and NPS?

हम वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत के करीब पहुंच रहे हैं. फाइनेंशियल ईयर के खत्म होने का अलार्म बज गया है, नौकरीपेशा से लेकर कारोबारी तक अपने बही-खाते दुरुस्त करने में जुट गए हैं. हम-आप में से ज्यादातर लोग जांच रहे हैं कि कुछ बचत और पेंशन योजनाओं को जारी रखने के लिए जरूरी न्यूनतम निवेश किया है या नहीं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड-पीपीएफ (Public Provident Fund- PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana- SSY) और नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय बचत योजना (National Pension Scheme- NPS) में हर साल न्यूनतम निवेश जरूरी है

इन योजनाओं की मदद से छोटी-छोटी बचत कर आप एक बड़ा फंड इकट्ठा कर सकते हैं साथ में इनकम टैक्स में भी छूट पा सकते है. अगर आपने इस वित्त वर्ष में अपने इन खातों में पैसे नहीं डाले गए तो आपका खाता बंद हो सकता है. अपने अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए इनमें 31 मार्च तक न्यूनतम राशि जरूर डाल दें.

अगर आप पीपीएफ, एनपीएस और सुकन्या खाते में समय रहते पैसे जमा नहीं करवाते है तो खाता बंद हो सकता है. खाते को दोबारा शुरू कराने के लिए जुर्माना देना होगा. अकाउंट को फिर से एक्टिव करने के लिए नए सिरे से केवाईसी (KYC) कराने की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए इन तमाम परेशानियों से बचने के लिए 31 मार्च तक इन खातों में न्यूनतम पैसा जरूर जमा कर दें.

पर्सनल फाइनेंस एडवाइयर की मदद से यहां यह बताते का प्रयास किया जा रहा है कि कुछ बचत और पेंशन खातों में नियमित निवेश करना क्यों जरूरी है और अगर आप इनमें निवेश जारी नहीं रख पाते हैं तो क्या नुकसान हैं. डिफॉल्ट होने पर खातों को फिर से एक्टिव कैसे किया जा सकता है.पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए हर साल कम से कम 500 रुपए का निवेश (minimum investment) करना जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है. हालांकि, इस खाते में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. लेकिन आपको एक साल में केवल 1.5 रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलेगा.

आपका खाता एक्टिव रहने पर ही आप तीन और पांच साल के बाद पीपीएफ राशि पर ऋण ले सकते हैं. अगर आपका अकाउंट एक्टिव नहीं है तो ना तो आप लोन ले सकते हैं और ना ही पैसा निकाल सकते हैं. बंद खाते में बकाया राशि पर मैच्योरिटी तक ब्याज मिलता है. डिफ़ॉल्ट खातों को मैच्योरिटी के बाद एक्टिव नहीं किया जा सकता है और यदि मैच्योरिटी के समय आपका खाता बंद कर दिया जाता है, तो आप खाते को अगले पांच वर्षों के लिए आगे नहीं बढ़ा सकते हैं.

नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension Scheme- NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम यानी राष्ट्रीय बचत योजना में एक साल में कम से कम एक हजार रुपए जमा करवाने होते हैं. वहीं टियर 2 न्यूनतम निवेश की कोई अनिवार्यता नहीं है. लेकिन टियर-1 में न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर खाता डिफॉल्ट हो जाता है. इसको फिर से चालू करवाने के लिए आपको 100 रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा.टियर 2 एक वॉलेंटरी अकाउंट होता है. इसे इन्‍वेस्‍टमेंट अकाउंट भी कहते हैं. इस अकाउंट कोई टैक्‍स बेनेफिट नहीं मिलता है.

सुकन्या समृद्धि खाते को चालू रखने के लिए हर साल में कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है. इस न्यूनतम राशि को जमा न किया जाए तो खाता बंद हो जाता है. अगर पैसा जमा नहीं किया जाए तो खाते को डिफॉल्टेड माना जाएगा और उस पर ब्याज की सुविधाएं बंद रहेंगी. इस खाते को दोबारा शुरू करने के लिए 50 रुपये का जुर्माना लगेगा.

 

खाते को नियमित नहीं करने से ब्याज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और शेष 21 वर्ष की मैच्योरिटी तक ब्याज लगता रहेगा. सुकन्या समृद्धि योजना में केवल 15 साल तक पैसा जमा किया जाता है, इससे पहले ही डिफॉल्ट खाते को एक्टिव किया जा सकता है.

 

 

 

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