धान खरीदी के लिए नए किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू, 31 अक्टूबर तक होगी जानकारी अपडेट
सबका संदेश न्यूज़ जशपुरनगर- हर साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है, पर इस साल खरीफ वर्ष में धान बेचने के लिए किसानों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की ज़रूरत नहीं है। शासन से आदेश आया है कि पिछले साल के रजिस्टर्ड किसानों को इस साल के लिए रजिस्टर्ड माना जाए। किसानों को अगर कोई जानकारी अपडेट करानी है, तो वे 31 अक्टूबर तक करा सकते हैं।
तहसील मॉड्यूल के माध्यम से किया जाएगा पंजीकरण
- पिछले साल खरीफ वर्ष 2018-19 में जिन किसानों ने पंजीयन नहीं कराया था और वे इस साल धान बेचना चाहते हैं, तो उनका पंजीयन तहसील मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। नए पंजीयन के लिए किसान द्वारा समिति से आवेदन प्राप्त कर उसे भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में भूमि एवं धान के रकबे का पटवारी रिकार्ड के आधार पर सत्यापित किया जाएगा।
- किसान की मौत होने पर वारिस के नाम पर हो सकेगी धान खरीदी
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों का ध्यान रखा जाएगा। धान बिक्री से पहले पंजीकृत किसान की मौत हो जाती है तो तहसीलदार द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की जा सकेगी। सभी किसानों का आधार नम्बर उनकी सहमति से लिया जाएगा। आधार नंबर नहीं होने की स्थिति में पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा। -
प्राइवेट संस्थान, कॉलेज, ट्रस्ट की जमीन पर खेती हो रही हो तो धान बोने वाला ही बेच सकेगा धान
ट्रस्ट, मंडल, प्रा.लि.कंपनी, शाला विकास समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान, महाविद्यालय आदि संस्थाओं की जमीन धान बोने के काम में लाई जा रही है, तो जमीन पर धान की खेती करने वाले किसान के नाम का ही पंजीयन होगा, जमीन मालिक का नहीं। इसके लिए संस्था के संचालक को समिति में काम कर रहे किसानों के नामों और बैंक खाता की जानकारी देनी होगी।
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