Maa Asha Devi Mandir in Kanpur: त्रेतायुग से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास, शिलालेख पर आकृति बनाकर माता सीता ने की थी पूजा

Maa Asha Devi Mandir in Kanpur: कानपुर। 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। बता दें कि नवरात्रि के नौ दिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। आज दूसरा दिन है। आज के दिन माता ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। इन नौ दिनों में भक्त माता की भक्ति में लीन रहते हैं। वहीं, कुछ भक्त माता के प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसे में आज हम बताने आ जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के कानपुर के कल्याणपुर में स्थित मां आशा देवी मंदिर की।
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प्राचीन शैली से निर्मित मंदिर
कानपुर के कल्याणपुर में स्थित मां आशा देवी का मंदिर त्रेतायुग कालीन माना जाता है। यह मंदिर कानपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। त्रेतायुग कालीन आशा देवी मंदिर प्राचीन शैली से निर्मित है। मंदिर में मां आशा देवी की शिला है और चार पौराणिक मूर्तियां भी हैं। खास बात ये है कि, इस मंदिर के परिसर में छत नहीं है। कहा जाता है कि, मां आशा देवी को खुले आसमान के नीचे रहना पसंद है। मंदिर में नवरात्रि के दौरान रामलीला का आयोजन होता है।
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संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर आते हैं जोड़े
माता के इस मंदिर में नवविवाहित जोड़े संतान प्राप्ति की मनोकामना करते हैं। कहा जाता है कि, मंदिर में मांगी गई सभी मुरादें भी पूरी होती है। मंदिर के मुख्य पुजारी आशुतोष गिरी बताते हैं त्रेतायुग कालीन इस मंदिर में नवरात्र के दिनों में हजारों भक्त पहुंचते हैं और मां से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। भक्तों का मानना है कि माता सीता ने शिला पर माता की आकृति बनाकर पूजन अर्चन की थी। वहीं, मां सीता की कामना पूरी होने की वजह से मंदिर का नाम आशा देवी मंदिर पड़ा।
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ऐसे पहुंचें मंदिर
रामादेवी की ओर से आने वाले भक्त कल्याणपुर होकर जीटी रोड के किनारे स्थित मंदिर पहुंचते हैं। सचेंडी, घंटाघर, परेड, चुन्नीगंज और शहर के किसी भी भाग से आने वाले भक्त कल्याणपुर चौराहे से मंदिर तक आते हैं।