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मनुष्यों को निर्विकार व पवित्र बनाने धरा पर होता है, शिव बाबा का अवतरण- चितरंजय पटेल

जांजगीर /सक्ती- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केन्द्र शक्ति कुंज, सक्ती में महाशिवरात्रि महोत्सव पर शिव पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस महोत्सव में अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे, न्यायिक दंडाधिकारी भारती कुलदीप, चितरंजय सिंह पटेल , अधिवक्ता के साथ ही नगर और देहात के भाई बहिनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सेंटर के नवीन भवन शक्ति कुंज में दीप प्रज्ज्वलन व शिव बाबा को भोग लगाकर महा शिवरात्रि पुजन का शुभारंभ हुआ।
तद्पश्चात ब्रम्हाकुमारी ज्ञान से जुड़े उच्च न्यायालय के अधिवक्ता भाई चितरंजय पटेल ने सर्वप्रथम स्वागत उद्बोधन में अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि मनुष्यों को निर्विकार और पवित्र बनाने परमात्मा शिव का धरा पर दिव्य अवतरण होता है और संगम युग के इस अवतरण बेला पर आज हम सब अपने भीतर के विकारों को शिव बाबा को समर्पित कर निर्विकारी आत्मा बनें।
माउंट आबू से भ्रमण पर सेंटर पर पधारे बी के श्याम भाई ने ब्रम्हाकुमारी संस्था के इतिहास संस्कार, अनुशासन की विस्तार से जानकारी दिया।
प्रभारी बी के तुलसी बहन ने कहा कि शिवलिंग पर पानी, दूध और दही टपकाने का मतलब है कि हम अपनी बुद्धि का तार सतत परमात्मा से जोड़कर रखें । साथ ही बेलपत्र चढ़ाने का तात्पर्य परमात्मा के प्रति समर्पण एवं धतूरा भेंट का रहस्य कांटों की तरह कष्टदायी बुराईयों व विकारों परमात्मा को अर्पित कर शिव बाबा के सच्चे संतान बनें। निर्विकारी बनें।
कार्यक्रम का सफल संचालन बीके मधु बहन ने किया तो वहीं आभार प्रदर्शन विमल भाई बे किया। कार्यक्रम के दरम्यान विजय भाई ने मधुर गीत सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया तो दिव्य व साथी बहनों ने मधुर गीतों पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के समापन पर सभी भाई बहनों ने ध्वजारोहण के साथ शिव बाबा के बताये मार्ग पर चल कर बुराइयां को त्यागने के साथ अच्छाईयों को ग्रहण करने का सामूहिक शपथ लिया। बहनों के साथ नगर व देहात के प्राचार्य डॉ शालू पाहवा ने संस्था से जुड़े अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि यहां से मुझे सदा कुछ सीखने को मिला है और आज भी शिवरात्रि के संबध में आध्यात्मिक ज्ञान ग्रहण करने के लिए आई हूं ।
न्यायिक दंडाधिकारी भारती कुलदीप ने कि ब्रम्हाकुमारी सेन्टर से पूर्व संपर्क को याद करते हुए कहा कि यहां के अध्यात्म, योग व संस्कार का ही परिणाम है कि बड़ों के साथ बच्चे भी संस्कारित व शांत बैठे ज्ञान सुन रहे हैं । इन वच्चों के माता पिता प्रशंषा के पात्र है जो बाल्यकाल से उनके भीतर संस्कार का बीजारोपण कर रहे है ।
अपर जिला न्यायाधीश, सक्ती गीता नेवारे ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि में इस आध्यात्मिक मंच ने अपने को पाकर अभिभूत हूं। उन्होंने उपस्थित जनों को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि ईश्वर के सूक्ष्म स्वरूप के दर्शन हेतु आत्मज्ञान जरूरी होता है और तभी परमपिता परमेश्वर की निकटता मिलती है । इस अवसर पर ब्रम्हाकुमारी बहनों के साथ नगर व देहात के भाई बहन की काफी संख्या में उपस्थिति से कार्यक्रम गरिमा मय वातावरण में संपन्न हुआ।

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