अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षा विभाग के लोगों के परिवार को ही दे दी नियुक्तियां
दुर्ग। प्रदेश के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जिस प्रकार से भ्रष्टाचार हो रहा है, उससे ना सिर्फ मुख्यमंत्री बल्कि सरकार की भी छवि धुमिल हो रही है। मुख्यमंत्री के जिले में सबसे ज्यादा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आरंभ किया गया है और सबसे ज्यादा फंड भी इसे जिले को आंबटित किया गया है, जिसका सीधे लाभ अब शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी उठा रहे है।
जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्तियों को लेकर जिस प्रकार से सवाल उठाए जा रहे, उससे शिक्षा विभाग के अधिकारीयों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार के लोगों को ही महत्व दिया गया और अब लिखित शिकायत मुख्यमंत्री तक पंहुच चुका है, लेकिन सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी को दोषी मानना गलत होगा, क्योंकि जिले के कलेक्टर इन स्कूलों के अध्यक्ष होते है और नियुक्तियों में सीधा उनका भी दखल होता है। सवाल यह उठ रहा है कि शिक्षा विभाग के किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार को नियम विपरीत नियुक्तियां दी गई, उनकी निपष्क्ष जांच हो और योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल पॉल का कहना है दुर्ग जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है और जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज गायब है, जो गंभीर प्रवृत्ति का अपराध है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि जांच कौन करेगा, क्योंकि शिक्षा विभाग पर तो आरोप लग रहा है और कलेक्टर समिति के अध्यक्ष है इसलिए जांच उच्चस्तरीय और उच्च कार्यालय से होगा तभी कुछ हो पाएगा, अन्यथा सब मैनेज हो जाएगा।