रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रहे अखिलेश सिंह का निधन; कैंसर से जूझ रहे थे
सबका संदेस न्यूज़ रायबरेली- तीन दशक तक रायबरेली की राजनीति में सक्रिय रहे पूर्व विधायक अखिलेश सिंह का मंगलवार की सुबह लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया। वे 60 साल के थे।लंबे समय से कैंसरसे पीड़ित थे। उनका सिंगापुर में भीइलाज चल रहा था। सोमवार रात अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें पीजीआई लाया गया था। जहां उन्होंने सुबह करीब पांच बजे अंतिम सांस ली। अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह वर्तमान में सदर विधानसभा से विधायक हैं। पीजीआई से सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रायबरेली के लालूपुर लाया गया। यहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़ेहैं।
15 सितंबर 1959 को जन्मे अखिलेश सिंह का सियासी सफर नवंबर 1993 में शुरूहुआ,तब वे पहली बारकांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंनेलगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीता। लेकिन 2003 में एकहत्याकांड में आरोपों से घिरने परकांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया। लेकिन अखिलेश सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। 2012 में उन्होंने पीस पार्टी ज्वॉइन कर ली।
यूपी की राजनीति में रॉबिनहुड थे अखिलेश
उत्तरप्रदेशकी राजनीति में अखिलेश सिंह “रॉबिनहुड” के नाम से मशहूर थे। उन पर करीब 45 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। इसकेबावजूद जनता का एक ऐसा बड़ा तबका था जो उन्हें बेइंतहा प्यार करता था।साल 1988 के चर्चित सैयद मोदी हत्याकांड में भी अखिलेश सिंह का नाम आया था। हालांकि 1996 में कोर्ट ने अखिलेश को बरी कर दिया था।
भारी विरोध के बावजूद जीते चुनाव
साल 2007 और 2012 के दो चुनावों मेंअखिलेश सिंह को हराने के लिए खूब जोर लगाया गया। सोनिया गांधी और प्रियंका ने घर-घर घूम घूमकर वोट मांगे, लेकिन अखिलेश सिंह जीत गए। साल 2007 में विधानसभा चुनाव में रायबरेली की पांच में से चार सीट कांग्रेस ले गई, लेकिन रायबरेली सदर में अखिलेश सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीता था। 2016 में उन्हें पार्टी में वापस बुलाया गया और उनकी बेटी अदिति सिंह को उसी सीट से टिकट दिया गया। इस बार अखिलेश सिंह ने बेटी को राजनीतिक विरासत सौंप दी। अदिति सिंह चुनाव जीतीं।
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