छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई
पियुष मिश्रा सोनिया नगर व बस स्टैण्ड को बारिश में डुबने से बचाने मिले कलेक्टर से वरिष्ठ पार्षद दिये ज्ञापन और बताया उपाय,

भिलाई। सोनिया गांधी नगर खुर्सीपार वार्ड 38 के पार्षद पियुष मिश्रा ने कलेक्टर से मुलाकात उनको ज्ञापन सौंपते हुए सोनिया नगर में बरसात के दिनों में पॉवर हाउस बस स्टैण्ड और रेलवे लाईन के किनारे की बस्ती में पानी भर जाने की जानकारी देते हुए इसके बचाव के लिए कलेक्टर को सुझाव दिया कि किस प्रकार से यहां बस्ती में पानी भरने से बचाया जा सकता है। पार्षद मिश्रा ने कलेक्टर को इस मामले से अवगत कराते हुए कहा कि भिलाई में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर के सर्विस रोड के समानांतर वर्तमान में मदर्स मार्केट और शासकीय आईटी के ओर नाली निर्माण का कार्य प्रगति पर है, निर्माण किये जा रहे नाली का स्लोप एवं एनएच अधिकारी से चर्चा अनुसार पॉवर हाउस चौक से मदर्स मार्केट में निर्मित नाली में मिलाया जा रहा है,
वर्तमान में पॉवर हाउस बस स्टंैण्ड में बनी पुलिया 30 से 40 साल पुरानी है जिसे एनएच द्वारा बनाया गया है, इस पुलिया का आकार छोटा है, और मलबों से पटा हुआ है, जिससे थोड़ी ही बारिश में बस स्टैण्ड एवं सर्विस रोड में एक से डेढ फीट तक पानी जमा हो जाता है, साथ ही रेलवे लाईन एवं बस स्टैण्ड के पीछे बस्ती में डुबान की स्थिति निर्मित हो जाती है, उक्त पुलिया से निकलने वाली नाली जिसमें वर्तमान में एनएच द्वारा सर्विस रोड की नाली को मिलाया जा रहा है, वह भी जिसमें एनएच द्वारा बनाये जा रहे नालियों के अनुपात में छोटी होने के कारण निर्माण किये जा रहे नाली में पानी का दबाव नही झेल पायेगी और इससे मेरे वार्ड सोनिया नगर के निचली व झुग्गी बस्तियों में भी डुबान की स्थिति निर्मित हो जायेगी अभिी भी पॉवर हाउस बस स्टैण्ड के पुलिस से निकलने वाला बारिश के पानी से इन बस्तियों में जल भराव की स्थिति बन जाती है।
इस समस्या के विकल्प के रूप में पॉवर हाउस चौक से नाली निर्माण किये जाने वाले दोनेा ओर की नालियों को तेलहानाला से मिलाया जाये साथ ही एनएच में बस स्टैण्ड के सामने निर्मित पुलिया जो कि 30 से 40 वर्ष पुराना है, उसका पुन: निर्माण इस कार्य के अंतर्गत कराये जाने से बस्तियों में जलभराव की स्थिति से बचा जा सकता है। इसके लिए एनएच के अधिकारी की पुन: परीक्षण कराकर इन नालियों का निर्माण कराया जाना उचित होगा। जिससे फ्लाई ओवर के दोनो ओर के बस्तियों को डूबने से बचाया जा सके। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाये।