जानिए मेरठ में प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत कम होने पर क्या है राजनीतिक दलों की राय Know what is the opinion of political parties if the voting percentage is low in the first phase in Meerut

मेरठ:-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के प्रथम चरण कामतदान गुरुवार को संपन्न हो गया है.अबकी बार मतदान प्रतिशत में 2017 के मुकाबले 2.73 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है.विभिन्न राजनीतिक दल इसके सियासी मायने निकालने लगे हैं. इन्हीं बातों को देखते हुएविश्वविद्यालय राजनीतिक विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पवन शर्मा से बातचीत की.उन्होंने विशेष बातचीत में बताया कि जिस प्रकार कोरोना संक्रमण की स्थिति बनी हुई है.तो कहीं न कहीं लोगों के मन में कोरोना को लेकर डर बना हुआ है.यही वजह रही जिससे कि मतदाता कम मात्रा में बूथ तक पहुंचे.अभी आंकलन करना सही नहीं
जिस तरीके से राजनेताओं ने प्रथम चरण के मतदान प्रतिशत का पक्ष विपक्ष में आंकलन करना शुरू कर दिया है.वह जल्दबाजी होगी. हालांकि प्रथम श्रेणी एक मॉडल होता है.लेकिन अन्य चरणों में इसमें काफी बदलाव देखने को मिलता है.ऐसे में सियासी मायने क्या होंगे इसका सभी चरणों के मतदान समाप्त होने तक इंतजार करना उचित रहेगा.बताते चलें कि जनपद की सभी सातो विधान सभाओं में कुल 65.39 प्रतिशत मतदान हुआ है.अगर प्रत्येक विधानसभा की बात की जाए तो सिवालखास में 69 प्रतिशत, सरधना में 63.90 प्रतिशत, हस्तिनापुर में 65 प्रतिशत, किठौर में 70.13 प्रतिशत, मेरठ कैन्ट में 61.08 प्रतिशत, मेरठ शहर में 65.73 प्रतिशत तथा मेरठ दक्षिण में 62.90 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान कर नेताओं की किस्मत को ईवीएम में बंद कर दिया हैयह था वर्ष 2017 का मतदान प्रतिशत
वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत की बात करें तो सरधना में जहां 71. 92 प्रतिशत, किठौर में 71.75 प्रतिशत, सिवाल खास में 70.85%, हस्तिनापुर में 67.95%, मेरठ शहर में 64.65%, मेरठ दक्षिण में 63.09 एवं मेरठ कैंट में 58.86 प्रतिशत मतदान हुआ था.