सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड के अंतिम मूल्यांकन हेतु निर्णायक दल का बीएसपी का दो दिवसीय दौरा
भिलाई। सेल द्वारा सेल सेफ्टी ऑर्गनाईजेशन के माध्यम से अपने 5 एकीकृत इस्पात संयंत्र में सुरक्षा संवर्धन हेतु पहली बार सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत भिलाई, बोकारो, राऊरकेला, दुर्गापुर तथा बर्नपुर स्थित अपने इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का सुरक्षा मूल्यांकन कर सेल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ संयंत्र को सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इस प्रमुख अवार्ड में विजेता को पुरस्कार के रूप में 1 करोड़ तथा उपविजेता को 75 लाख रूपये की राशि प्रदान की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने सुरक्षा प्रबंधन व प्रणाली में समग्र कार्य किया है। जिसके आधार पर सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड हेतु एक उच्च स्तरीय निर्णायक दल द्वारा संयंत्र का अंतिम मूल्यांकन किया जा रहा है। इस उच्च स्तरीय त्रि-सदस्यीय निर्णायक दल में शामिल हैं राऊरकेला स्टील प्लांट के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी जी एस प्रसाद, डायरेक्टर जनरल फैक्ट्री एडवाइस सर्विस एंड लेबर इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक एच चट्टोपाध्याय तथा सेल सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन के मुख्य महाप्रबंधक सुरक्षा एस वशिष्ट। यह निर्णायक दल अपनी दो-दिवसीय दौरे में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन्न सुरक्षा प्रणालियों व पद्धतियों का मूल्यांकन करेंगे।
शुक्रवार को अपने ओपनिंग मीटिंग में संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता सहित संयंत्र के कार्यपालक निदेशकगण तथा वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर बीएसपी के सुरक्षा प्रबंधन व प्रणाली की जानकारी ली। तत्पश्चात बीएसपी के सेफ्टी एक्सीलेंस सेंटर में इन्हें सेफ्टी ब्रीफिंग दी गई। अपने दौरे के प्रथम पड़ाव में दल ने कोक ओवन व कोल केमिकल विभाग का दौरा किया। इसके साथ ही नेशनल आक्यूपेशनल हेल्थ सेंटर का भी जायजा लिया। इसके साथ ही इस दल ने ब्लास्ट फर्नेस-8, एसएमएस-3, मर्चेन्ट मिल, का अवलोकन किया।
इसके अतिरिक्त निर्णायक दल के सदस्यों ने शॉप फ्लोर में अधिकारियों, सुरक्षा अधिकारियों, कार्मिकों तथा ठेका श्रमिकों से भी चर्चा की। निर्णायक दल ने निर्धारित विभागों के अतिरिक्त कई अन्य विभागों व स्थानों का औचक निरीक्षण भी किया। जिसमें प्रमुख एसएमएस-2, प्रोपेन प्लांट, गैस होल्डर आदि इकाइयां शामिल है।
इस मूल्यांकन में संयंत्र के सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक सुरक्षा व अगिमशमन सेवाएंजी पी सिंह के नेतृत्व तथा महाप्रबंधक सुरक्षा एस के अग्रवाल के समन्वय में सुरक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव ही सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहा है, जिसके फलस्वरूप उत्पादन के विभिन्न क्रियाकलापों में मानक सुरक्षा पद्धति/प्रणाली का समावेश किया गया है। साथ ही सुरक्षा के सकारात्मक कार्य संस्कृति के विकास हेतु विविध कदम उठाये गये है।
ज्ञातव्य है कि भिलाई इस्पात संयंत्र सुरक्षा संस्कृति के विकास हेतु बीएसपी के कार्मिकों व अधिकारियों के मध्य सेफ्टी क्लाइमेट्स सर्वे के तहत डायग्नोस्टिक स्टडी किया गया। दुर्घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए असुरक्षित व्यवहार व असुरक्षित परिस्थितियों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए घटनाओं की रिपोर्टिंग व इन्वेस्टीगेशन हेतु स्ट्रक्चर्ड मैथेडोलॉजी का अनुपालन किया जा रहा है। इसी प्रकार सुरक्षा जागरूकता हेतु सुरक्षा माह, सुरक्षा सप्ताह, सड़क सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के साथ ही मोकड्रिल आदि का भी नियमित आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त 5-एस जैसे वर्कप्लेस मैनेजमेंट लागू करने के साथ ही हाउसकीपिंग की प्रतिस्र्पधाएं करायी जाती है। इसके अतिरिक्त कार्मिकों को सुरक्षा में स्वैच्छिक योगदान हेतु सेफ्टी वॉरियर के रूप में कार्य करने का अवसर दिया गया है।
इसके साथ ही सुरक्षा, अग्निसुरक्षा, ऑक्यूपेशनल हेल्थ जैसे विषयों के विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से सैकड़ों प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कई हजार कार्मिक व अधिकारी प्रशिक्षित किये गये है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर संयंत्र के उच्च प्रबंधन हेतु भी लीडरशिप सेफ्टी प्रोग्राम आयोजित किये गये हैं। इसी प्रकार व्यवहार आधारित सुरक्षा कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन किया गया। इसके अतिरिक्त हाई हैजर्ड की भी मैंपिंग की गई। इसे दूर करने के उपाय किये गये। इसके अतिरिक्त सुरक्षा संस्कृति को पुष्ट करने हेतु रोको-टोको अभियान से लेकर सेफ्टी कल्चर तक विभिन्न प्रयासों को मूर्त रूप दिया गया।