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श्रीलंका का आधार बनाएगा भारत, 11 साल से अटका पड़ा है डिजिटल आईकार्ड प्रोजेक्ट India will form the basis of Sri Lanka, the digital icard project has been stuck for 11 years

कोलंबो. भारत अपने पड़ोसी देश श्रीलंका (India-SriLanka Relation) को आधार कार्ड जैसा डिजिटल आइडेंटिटी ढांचा (Unitary Digital Identity framework) बनाने में मदद करने तैयार हो गया है. इसके लिए श्रीलंका को फंड भी जारी किया जाएगा. श्रीलंकाई कैबिनेट मंत्री नामल राजपक्षे (Rajapaksa government)ने यह जानकारी दी. इस ढांचे को जल्द से जल्द तैयार करने के लिए सरकार नेशनल लेवल पर कार्यक्रम के तौर पर प्राथमिकता से तैयार करेगी.

श्रीलंकाई सरकार ने कहा है कि प्रस्तावित डिजिटल आइडेंटिटी फ्रेमवर्क के तहत बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर एक व्यक्तिगत पहचान सत्यापन उपकरण पेश करने की उम्मीद है. यह एक डिजिटल टूल होगा जो साइबर स्पेस में लोगों की पहचान का प्रतिनिधित्व कर सकता है. इसके जरिए फिजिकल पहचान को डिजिटली सटीक रूप से सत्यापित किया जा सकता है

11 सालों से डिजिटल आईडी बनाना चाह रहा है श्रीलंका

2015-2019 के दौरान मैत्रीपाला सिरिसेना और रानिल विक्रमसिंघे सरकार ने भी इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय पहचान पत्र बनाने की कोशिश की थी, लेकिन गोपनीयता को लेकर सवाल उठे थे. फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. इससे भी पहले महिंदा राजपक्षे सरकार ने 2011 की शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रही थी.

 1.4 बिलियन डॉलर की मदद कर चुका भारत

यह पहल दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद हुई. श्रीलंका मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारत के साथ एक MoU साइन करने के साथ ग्रांट लेने और प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दी. यह भारत की ओर से आर्थिक सहायता भी है.

बता दें कि साल की शुरुआत से अब तक भारत श्रीलंका को डॉलर की कमी से निपटने में मदद करने के लिए, आर्थिक संकट के बीच भोजन, दवाएं और ईंधन आयात करने के लिए कुल 1.4 बिलियन डॉलर (10,462 करोड़ रुपए) की मदद दे चुका है

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