जांजगीर

खेल प्रतिभाओं को जिला प्रशासन की हरसंभव सहायता मिलेगी – कलेक्टर

अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सुश्री अमिता श्रीवास ने कलेक्टर से की सौजन्य मुलाकात,

जांजगीर-चांपा, – 31 जनवरी, कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला से सोमवार को जिला कार्यालय में अंतर राष्ट्रीय पर्वतारोही सुश्री अमिता श्रीवास ने मुलाकात कर अपनी भविष्य की एवरेस्ट फतह की योजनाओं से अवगत कराया। सुश्री अमिता अपनी सफलता से गदगद आज कलेक्टर और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करने मिठाई लेकर कलेक्टर कार्यालय जांजगीर पहुंची थी।
कलेक्टर ने अमिता की उपलब्धियों पर अपनी खुशी जाहिर की और बहुत ही विनम्रता से मिष्ठान्न स्वीकार करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि अमिता श्रीवास की सफलता देश और प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा देने वाली है। कलेक्टर ने कहा कि एवरेस्ट सतह का अमिता
का लक्ष्य और भावी योजनाओं की सफलता के लिए जांजगीर चांपा जिला प्रशासन हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अमिता भविष्य में अपनी सफलता का परचम लहराएगी और जिले के खिलाड़ियों, युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी।
उल्लेखनीय है कि अमिता राष्ट्रीय स्तर पर अन्य खेलों में भी अपना लोहा मनवा चुकी हैं। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा यूटी कांगरी में पर्वतारोहण के लिए 80 हजार रूपए की सहयोग राशि प्रदान किया था। इससे पहले उनके पर्वतारोहरण को प्रोत्साहित करने के लिए सीएसआर मद से पहले 2 लाख 70 हजार रूपए प्रदान किया गया था। सुश्री अमिता ने इस अभियान में सहयोग और प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
पर्वतारोही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चांपा निवासी सुश्री अमिता ने बताया कि अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह करने के बाद उन्होंने प्राचीन हिमालय के लद्दाख श्रेणी की 6 हजार 70 मीटर ऊंची बर्फीली यूटी कांगरी चोटी की चढ़ाई की । माइनस 31 डिग्री तापमान में रोमांच और जोखिम से भरे कठिन चढ़ाई को पूरा करने के बाद आमिता का सपना अब एवरेस्ट फतह करने की है।
पिछले साल 2021 में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्होंने महिला सशक्तिकरण का मिशन लेकर अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर चढ़ने का रिकार्ड बनाया था। तंजानिया स्थित किलिमंजारो की 5,895 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचने के बाद उन्होंने ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का भी संदेश भी दिया था।

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