भाजपा कांग्रेस की राजनितिक रस्साकशी अब अपने चरम पर नजर आने लगी The political tug-of-war of BJP Congress is now visible at its peak.
श्री कांत जायसवाल कोरिया
बैकुठपुर/ में भाजपा कांग्रेस की राजनितिक रस्साकशी अब अपने चरम पर नजर आने लगी है । छोटे-छोटे चीजों में भी अब बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब जिले के शिवपुर चरचा नगर पालिका में नगर पालिका उपाध्यक्ष पद की पदभार ग्रहण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया । इसके बाद जैसे ही यह बात भाजपा कार्यकर्ताओं को पता चली भाजपा कार्यकर्ता एवं नेता आग बबूला हो गए । इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं समेत युवा नेताओं ने शिवपुर चरचा नगरपालिका कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की । इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के मुखिया भूपेश बघेल एवं अंबिका सिंह देव संसदीय सचिव व स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की निम्न स्तरीय सोच की बात कही । इस दौरान स्थानीय पार्षद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिका के द्वारा शिवपुर चरचा में हमारा पदभार ग्रहण का कार्यक्रम दोपहर के 3 बजे से पहले से ही तय था जबकि इसे अचानक 1 बजे हटा लिया गया । जिसके बाद हमें इसकी सूचना देकर मात्र यह कहा गया कि हमें दबाव में ऐसा करना पड़ रहा है । पूरे हो हंगामे के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता भैयालाल राजवाड़े भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जयसवाल वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जयसवाल भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अंचल राजवाड़े सहित सैकड़ों की तादाद में भाजपाई मौके पर मौजूद थे। जबकि दरी बिछाकर दोपहर में बैकुन्ठपुर तहसीलदार के द्धारा पदभार ग्रहण कराया गया।
गौरतलब है कि लगातार यह खबरें सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही है कि नगरी प्रशासन मंत्री के निर्देश पर इस तरीके का कार्य किया गया । जबकि इस संबंध में हमने शिवपुर चरचा नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी राकेश शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारा टेंट शामियाना नगर पालिका अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम के दिन से लगा था जो कि 26 जनवरी तक के लिए हमने इसे बुक कराया था अब इस दौरान टेंट वाले अपना सामान तो ले जाएंगे ही । और किसी भी
नगरपालिका अधिनियम में यह नहीं लिखा हुआ है कि नगर पालिका के द्वारा उपाध्यक्ष के पदभार ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । किंतु नगरपालिका अधिनियम में नहीं होने के कारण इस संबंध में नगर पालिका कुछ नहीं कर सकती । उन्होंने साफ कहा कि किसी उच्च अधिकारी या मंत्री का दबाव हम पर नहीं था बल्कि टेंट वाले की समय अवधि पूरी हो गई थी इसलिए उखाड़ के ले गये