नगरपालिका हुई मेहरबान पार्षद पर सूचना के अधिकार कि नहीं दे रही जानकारी
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सूचना का अधिकार 15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला
अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को, अपने कार्य को और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।
लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुनी हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन कालान्तर में अधिकांश जगहों में भ्रष्टाचार बढ़ता गया। भ्रष्टाचार करने के लिए जनविरोधी और अलोकतांत्रिक तरीको को अपनाया गया। लोकतंत्र में मालिक होने के नाते जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है,
मुंगेली नगरपालिका में हो रहा हे सूचना तंत्र उल्लंघन
ऐसा ही मामला मुंगेली नगर पालिका के अंतर्गत राजेंद्र वार्ड का है वहा के पार्षद अरविंद वैष्णव द्वारा पिछले तीन पंचवर्षीय में वार्ड में क्या-क्या विकास कार्य हुए है इसकी जानकारी के लिए प्रथम बार सूचना के अधिकार का आवेदन नगरपालिका में दिनांक 25/09/21को किया गया था जिसका जवाब नहीं मिलने पर अगली अपील दिनांक 26/11/21 को भी किया गया लेकिन द्वितीय अपील को 60 दिन हो गए लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला इसके बारे नगर पालिका के अधिकारी से चर्चा की गई लेकिन वो भी टाल मटोल करते नजर आए,, जिसको देखते हुए इस बात की आशंका जताई जा सकती है कि पालिका प्रशासन किसी बड़े घोटाले पर पर्दा तो नहीं डाल रहा या फिर किसी सफेदनकाबपोश का दबाव तो नहीं जिसके कारण नगरपालिका द्वारा अभी तक कोई जानकारी नहीं दिया गया,, जिसके चलते नगरपालिका की छवि धूमिल होते नजर आ रही हैं ,, जो एक चिंतनीय विषय है ,, ज्ञात हो इससे पहले भी ऐसा वाकिया पालिका में घटित किया जा चुका है जिसमें बिना नाली निर्माण के लाखों का भुगतान ठेकेदार को हुआ था,, जिसके खुलासे के बाद तात्कालीन अध्यक्ष को कुर्सी गवानी पड़ी थी ।