भिलाई में 52 एकड़ में रेलवे पाट्र्स बनाने वाले लगाया जा रहा है 22 उद्योग पांच हजार से ज्यादा शिक्षित युवकों को इससे मिलेगा रोजगार
भिलाई। भारतीय रेल से जुड़े पाट्र्स तैयार करने भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र में 52 एकड़ जमीन में 22 उद्योग लगाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएसआईडीसीएल) की देखरेख में इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। ये उद्योग लगने से दुर्ग जिले के करीब पांच हजार शिक्षित युवाओं को रेलवे के पाट्र्स बनाने वाले उद्योगों में रोजगार मिलने उम्मीद है। भारतीय रेल से जुड़े पाट्र्स तैयार करने वाले उद्योग छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार लगवाना चाहती है। जिससे यहां के लगभग 5 हजार से अधिक शिक्षित
बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।यह पाट्र्स जरूरत होती है रेलवे को
भारतीय रेल को एक पिस्टन और उसको जोडऩे का रॉड, शाफ्ट और पिस्टन की सीएडी, विशाल पिस्टन, कनेक्टिंग रॉड, 0.5 मीटर, सरलीकृत पिस्टन एनीमेशन, ट्यून पाइप, स्ट्रोक इंजन जैसे पार्टस, वासर, पैकिंग रिंग शामिल हैं।
एक करोड़ 40 लाख में बनेगी प्रदेश की पहली ग्लेजिंग यूनिट
पाटन सोनपुर में एक करोड़ 40 लाख से ग्लेजिंग यूनिट बनेगी। माटी कला बोर्ड ने ग्लेजिंग यूनिट को मंजूरी दे दी है। कुम्हारों को एक ही स्थल पर माटीकला से संबंधित इलेक्ट्रिकल चाक और अन्य तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष बालम चकेरधारी ने बताया कि ग्लेजिंग यूनिट के लिए महाराष्ट्र और राजस्थान से प्रशिक्षित ट्रेनर
कुम्हारों को प्रशिक्षित करेंगे। कुल्हड़-दीये जैसे उत्पाद होंगे तैयार
कुल्हड़ हमेशा से देश भर में पेय पदार्थों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ग्लेजिंग यूनिट के बनने से पर्याप्त मात्रा में एक ही जगह इसकी सप्लाई की जा सकेगी। इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर प्लास्टिक वेस्ट को भी कम किया जा सकता है।