जोशीमठ’ अब अपने शुद्ध ‘ज्योर्तिमठ’ नाम से जाना जाएगा अपभ्रंश नाम से नही ‘Joshimath’ will now be known by its pure name ‘Jyortimath’ and not by the name Apabhransh

‘जोशीमठ’ अब अपने शुद्ध ‘ज्योर्तिमठ’ नाम से जाना जाएगा अपभ्रंश नाम से नही
सहसपुर लोहारा कवर्धा
स्वामिश्रीः ‘१००८’ अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी के अथक प्रयासों से मिली सफलता ।
सहसपुर लोहारा स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: जी ज्योतिर्मठ ने जानकारी देते हुए बताया कि
अभी-अभी ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम हिमालय से परमपूज्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं जगद्गुरु (द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर) शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज जी के मठ से ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द जी का टेलीफोन आया है, देहरादून से वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजेश सती जी ने बताया है और भी बहुत दूसरे लोग यह सूचना दे रहे हैं कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने बहुत दिनों से पूज्यपाद शंकराचार्य जी ने जो मांग पूर्ववर्ती सरकारों, नेताओं, मुख्यमंत्रियों के सामने रखी थी उसको स्वीकार करते हुए क्षेत्रीय विधायक श्री महेंद्र भट्ट जी के अनुरोध पर जोशीमठ का पौराणिक नाम ‘ज्योर्तिमठ’ घोषित किया गया है ।
शङ्कराचार्य जन कल्याण न्यास के मिडिया प्रभारी पण्डित देव दत्त दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि
‘जोशीमठ’ अब ‘ज्योतिर्मठ’ मठ के नाम से जाना जाएगा, अपने शुद्ध नाम से जाना जाएगा , अपभ्रंश नाम से नही । स्वामि: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी ज्योतिर्मठ ने कहा कि हम सब को यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि लंबे समय से ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज यह बात कहते रहे कि जोशीमठ अपभ्रंश नाम है शुद्ध नाम ‘ज्योतिर्मठ’ है । ‘ज्योतिर्मठ’ कर दीजिए लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इसको नहीं सुना था । पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों ने भी क्योंकि लगभग हर मुख्यमंत्रियों के काल में उनसे मिलकर, पत्र व्यवहार करते हुए हम लोग ये मांग करते रहे । अब धामी जी ने इस मांग के महत्व को समझा है और नंदप्रयाग की सभा में सबके सामने घोषणा कर दी है, जोशीमठ अब अपने पौराणिक नाम ‘ज्योतिर्मठ’ के नाम से जाना जाएगा ।
शङ्कराचार्य जन कल्याण न्यास के प्रबंध ट्रस्टी चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के बताया कि इसके लिए स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी ज्योतिर्मठ के प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम है, स्वामि: जी के प्रयास से ही आज से ज्योतिर्मठ अब अपने सही और वास्तविक नाम से जाना जाएगा ।
स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी ने आगे बताया कि जोशीमठ के नाम से प्रचलित ज्योतिर्मठ को अपने वास्तविक नाम देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद दे रहे हैं, हम अपनी पीठ की ओर से उनका अभिनंदन कर रहे हैं ।
हम सब ज्योतिर्मठ मठ के पूरे देश में फैले हुए करोड़ों शिष्यों के मन में आज बडी प्रसन्नता हो रही है कि
परमपूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जी की मांग को यहां के मुख्यमंत्री जी ने समझा । क्षेत्रीय विधायक श्री महेंद्र भट्ट जी ने मुख्यमंत्री जी के सामने इस मांग को रखा । आज मुख्यमंत्री जी और क्षेत्रीय विधायक श्री महेन्द्र भट्ट जी दोनों को हम हृदय से साधुवाद दे रहे हैं उनके द्वारा किए गए इस कार्य की हम सराहना करते हैं ।