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बेटियों ने दी मुखाग्नि, आज हरिद्वार में ​अस्थि विसर्जन, हल्द्वानी ने दी अनूठी श्रद्धांजलि Daughters gave fire, today bone immersion in Haridwar, Haldwani paid a unique tribute

नई दिल्ली/देहरादून. तमिलनाडु में हवाई हादसे में काल कवलित हो गए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अस्थियां आज विसर्जन के लिए हरिद्वार लाई जाएंगी. इससे पहले उनकी अंत्येष्टि दिल्ली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को संपन्न हुई, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विशेष तौर से मौजूद रहे. सेना के सम्मान और रीति रिवाजों को पूरा करते हुए जनरल रावत और उनकी पत्नी मधूलिका को अंतिम विदाई दी गई और मुखाग्नि उनकी दोनों बेटियों ने दी. जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला उत्तराखंड में भी जारी रहा.शनिवार को सुबह करीब 9 बजे जनरल रावत और उनकी दिवंगत पत्नी मधूलिका का अस्थि कलश हरिद्वार लाया जाएगा. यहां वीआईपी घाट पर अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी शरीक हो सकते हैं. इस कार्यक्रम के लिए घाट पर सुरक्षा एवं विधि विधान संबंधी इंतज़ामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. ये भी बताया जा रहा है कि जनरल रावत के अस्थि विसर्जन अन्य कई गणमान्य भी उपस्थित हो सकते हैं. इधर, जनरल रावत को विशेष श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी रहा. हरिद्वार में मेयर ने एक घोषणा की, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक मांग की तो हल्द्वानी में भी विशेष कार्यक्रम हुआ.नगरपालिका का मुख्य द्वार रावत के नाम’
हरिद्वार में आज जनरल रावत के अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम है और इससे पहले शहर की मेयर अनिता शर्मा ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि नगरपालिका भवन के मुख्य द्वार को जनरल रावत की स्मृति में समर्पित किया जाएगा. शर्मा ने कहा, ‘लोग लगातार चाह रहे हैं कि रावत की याद में किसी स्मारक, सड़क या स्कूल को समर्पित किया जाए. लोगों की भावना को देखते हुए हमने ये फैसला किया.’हरीश रावत ने की भारत रत्न की मांग
कांग्रेस नेताओं द्वारा दिवंगत जनरल रावत को श्रद्धांजलि दिए जाने का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस चुनाव अभियान के प्रमुख हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा, जनरल रावत को ‘एक ऐसे सैनिक के रूप में लोग देखने लगे थे, उनसे भरोसा करने लगे थे कि ये व्यक्ति हमारी सुरक्षा का प्रतीक है, ये हमारी सुरक्षा की गारंटी है. पत्रकार पूछ रहे हैं कि किस तरीके का स्मारक बनना चाहिए! हम लोगों के मन में केवल एक भाव आ रहा है कि भारत माता के इस महान सपूत को भारत रत्न से विभूषित किया जाना चाहिए. एक विशेष समारोह कर उनको यह सम्मान प्रदान किया जाना चाहिए हल्द्वानी में दी गई हरी-भरी श्रद्धांजलि

हल्द्वानी के फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका सिंह रावत और उनके साथ कुल 13 शहीदों की याद में पौधे लगाए गए. सेंटर प्रभारी मदन सिंह बिष्ट के मुताबिक शहीदों की याद में ऐसे पौधे लगाए गए हैं, जो बड़े होकर विशालकाय वृक्ष बनेंगे और इनमें फल भी लगेंगे. बिष्ट के मुताबिक हर पौंधे के साथ शहीदों के नाम वाली प्लेट भी लगाई जाएगी ताकि यादें लंबे समय तक बनी रहें.देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की याद में सेंटर के कर्मचारियों ने रुद्राक्ष का पौधा लगाया है, जबकि उनकी पत्नी स्वर्गीय मधुलिका रावत की याद में चंदन का. इसी तरह अन्य शहीदों की याद में मौलश्री, आंवला, तेजपत्ता, नीम, बेलपत्र, कदंब, जामुन और बरगद जैसे 13 पौंध लगाए गए हैं. सेंटर पहले भी गलवान और पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों की याद में वाटिका तैयार कर चुका है, जिसे देखने के लिए लोग यहां पहुंचते हैं.

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