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*शरद पूर्णिमा के अवसर पर मां शीतला प्रांगण में रामायण कथा का आयोजन किया गया*

*देवकर* :-देवकर के निकटवर्ती ग्राम नवकेशा में शरद पूर्णिमा के अवसर में रात्रि में जय अम्बे मानस मंडली के द्वारा रामायण का आयोजन किया गया जहां ग्रामवासियों ने बड़े ही लगन के साथ राम कथा का रसपान किया और अपने जीवन को कृतार्थ किया।

शरद पूर्णिमा यह अलौकिक पूर्णिमा है। आज ही के दिन महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम के जीवन के माध्यम से हमें सत्य और कर्त्तव्य से परिचित कराने वाले पवित्र संस्कृत महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना की. और आज ही के दिन चंद्रमा से अमृत बरसते हैं। चंद्रमा की सोलह कलाओं पूर्ण होते हैं हम संसार के मनुष्यों के लिए अमृत बरसाते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण वृंदावन में महारास लीला की जिसमें भगवान शंकर गोपी बनकर रासलीला की आनंद लिए उसी दिन भगवान शंकर की गोपेश्वर नाम पड़ा हम किसानों के लिए शरद पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण के दिन हैं औषधि को खीर में डाल करके दमा खांसी इत्यादि बीमारी ठीक होते हैं। खीर की बहुत महत्व है।

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