पुंछ में आतंकियों की तलाश के बीच जम्मू पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे, LOC का करेंगे दौरा Army Chief Naravane reached Jammu amid search for terrorists in Poonch, will visit LOC

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुंछ (Poonch) में आतंकवादियों (Terrorists) को पकड़ने के लिए सेना का अभियान जारी है. इसी बीच सोमवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Generel MM Naravane) भी जम्मू पहुंचे हैं. दो दिवसीय यात्रा के दौरान नरवणे नियंत्रण रेखा (Loc) के आसपास के इलाकों का जायदा लेंगे. सेना ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी कि सेना प्रमुख जनरल ऑफिसर कमांडिंग, व्हाइट नाइट कॉर्प्स से सुरक्षा स्थिति और तैयारियों का जानकारी हासिल करेंगे. साथ ही वे अग्रिम मोर्चों पर तैनात जवानों और कमांडर्स से चर्चा करेंगे. आतंकियों की तलाश में सेना को एक हफ्ते से ज्यादा का समय गुजर चुका है और इस प्रक्रिया में अब तक 9 जवान शहीद हो चुके हैं.सुरक्षा समीक्षा के दौरान सेना प्रमुख राजौरी-पुंछ मार्ग पर स्थित भीमबर गली पहुंचेंगे. यहां 14 अक्टूबर को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए थे. आतंकवादियों और सेना के बीच पुंछ जिले में पहली मुठभेड़ 11 अक्टूबर को हुई थी. यहां जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. सोमवार को सेना की कार्रवाई का 8वां दिन है. कहा जा रहा है कि अगस्त 2019 में धारा 370 हटने के बाद पुंछ ऑपरेशन सबसे बड़ी कार्रवाई है.जारी है धरपकड़
आतंकियों को पकड़ने का अभियान जारी है. हालांकि, इसमें अभी तक थोड़ी ही सफलता मिल सकी है. इलाकों में पैरा कमांडो, ड्रोन और एक हैलीकॉप्टर मौजूद है. वहीं, पुलिस और सेना ने इलाके की घेराबंदी कर दी है, ताकि आतंकी बचकर भाग न सकें. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पुलिस ने आतंकियों को मदद पहुंचाने के शक में भाटा दुरियां इलाके में 5 और ग्रामीणों को हिरासत में लिया है. इससे पहले एक व्यक्ति के अलावा मां-बेटे की जोड़ी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी की अलग-अलग दिशाओं को देखते हुए, ‘ऐसा लग रहा है कि उनका समूह काफी बड़ा है.’ पहले अनुमान था कि चार या पांच समूह हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने यह भी माना है कि ये लोग काफी ज्यादा प्रशिक्षित हैं. वहीं, सेना के सूत्रों का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं है कि 11 और 14 अक्टूबर को हुई घटना में यही समूह शामिल थाएक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि माना जा रहा था कि वे मिलकर काम कर रहे थे और अपनी जगह बदल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘खुफिया जानकारी के आधार पर हम इलाके में बीते ढाई महीनों से अलग-अलग आतंकी समूहों के पीछे थे.’ उन्होंने बताया कि जानकारी मिली थी कि अगस्त की शुरुआत में 10 लोगों के एक समूह ने नियंत्रण रेखा पार की थी.