माँ कालरात्रि नवरात्रि में सातवीं माँ का स्वरूप -पंडित निरंकार तिवारी
माँ कालरात्रि नवरात्रि में सातवीं माँ का स्वरूप
-पंडित निरंकार तिवारी
।।ऊँ, ऐं ह्लीं क्लीं कालरात्र्यै नमः।।
नमश्चण्डिकायै
ऊँ, यज्ञेन यज्ञवजमन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्
ते ह नाकं महिमानह् सचन्त यत्र पूर्वे साध्याह् सन्ति देवाह्
*******ध्यानम्
।। गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमाला
महाघोररावा सुदंष्ट़ा कराला।
विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी
महाकालकामाकुला, कालिकेयम्।।१।।
भुजे वाग्मयुगे शिरोअ्सिं धनाना
वरं दक्षयुग्मेअ्भयं वै तथैव।
सुमध्याअ्पि तुंगस्तनाभारनम़ा
लसद्रक्तसृक्कव्दया सुस्मितास्या।।२।।
शवव्दन्व्दकर्णावतंसा सुकेशीलसद्रक्तसृक्क
लसत्प्रेतपाणिं प्रयुक्तैककाअ्ची।
शवाकारमच्चाधिरुढा शिवाभि_
श्चचर्दिक्षुशब्दायमानाअ्भिरेजे।।३!!
जय माँ कालरात्रि
श्री,कालिकाष्टकम्
घोररुपे महारावे सर्वदुष्टभयंकरि।
भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणागतम्।।१!!
ऊँ,सुरासुरार्चिते देवि सिध्दगन्धर्वसेविते।
जाड्य्पापहरे देवि त्राहि मां शरणागतम्।।२!!
जटाजूटसमायुक्ते लोलजिव्हान्तकारिणि।
द़ुतबुध्दिकरे देवि त्राहि मां शरणागतम्।।३!!
सौम्मक़ोधधरे रूपे चण्डरुपे नमोस्तुते।
सृष्टिरुपे नमस्तुभ्यं त्राहि मां शरणागतम्।।४!!
जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला।
मूढतां हर मे देवि त्राहि मां शरणागतम्।।५!!
वं ह्रं ह्र्ं कामये देवि बलिहोमप्रिये नमः।
उग़तारे नमो नित्यं त्राहि मां शरणागतम्।।६!!
बुध्दिं देहि यशो देहि कवित्वं देहि देहि में।
मूढत्वं च हरेद्देवि त्राहि मां शरणागतम्।।७!!
इन्द़ादिविलसद्दव्दन्व्दवन्दिते करुणा मति।
तारे ताराधिनास्थास्य त्राहि मां शरणागतम्।।८!!
जय माँ कालरात्रि
नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ,
मातारानी माँ महामाया आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें।
-पंडित निरंकार तिवारी
भूपेंद्र सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर
बिलासपुर 9691444583