निगम ने मनाया विश्व बेघर दिवस,आश्रय स्थल के बारे में चला जागरूकता अभियान
दुर्ग। नगर पालिक निगम महापौर धीरज बाकलीवाल और निगमायुक्त हरेश मंडावी के निर्देश पर प्रबंधक मुक्तेश कान्हा के मार्गदर्शन में सार्थक प्रयास महिला स्व सहायता समूह आश्रय गृह पर 10 अक्टूबर विश्व बेघर दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान समूह की अध्यक्ष श्रीमती चंचल अग्रवाल ने महिलाओं को आश्रय स्थल के बारे में जागरूकता अभियान के जरिए आश्रय स्थल पर रहने वाले लोगों की जानकारी दी।
सार्थक प्रयास महिला समूह की अध्यक्ष चंचल अग्रवाल ने बताया कि कई लोगों के पास बेघर के बारे में गलत धारणा है कि उनके पास रोजगार नहीं है।लेकिन वास्तविकता यह है कि बेघर निर्माण कार्य, रास पिकिंग, ट्रैफिक लाइट वेंडिंग, शादी या पार्टी के खानपान,होटल, शोरूम, गाड़ी चलाना,नर्सिग होम, शॉपिंग मॉल, राज मिस्त्री,सफाई कर्मचारी, पैलम्बर, फेरी कर सड़को पर व्यवसाय आदि जैसे अनौपचारिक श्रमिकों के रूप में काम कर रहे हैं।
अप्रवास का कारण भी बेघर हुए कुछ लोग
सार्थक प्रयास महिला समूह की अध्यक्ष चंचल अग्रवाल ने कहा कि बेघरों के बारे में रोजग़ार और गरीबी को कारण बताया जाता है ऐसा नहीं है घरेलू झगड़े इसकी बड़ी वजह है कई लोग परिवारिक विवाद के कारण बेघर हुए हैं। जिन लोगों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आश्रय गृह में रहने व खाने की उचित व्यवस्था करता है आश्रय स्थल। आश्रय स्थल की जरूरत क्यों सार्थक प्रयास महिला समूह की अध्यक्ष चंचल अग्रवाल ने बताया कि असंगठित मजदूरों का है बड़ा तकबा परिवार व बच्चों का पेट भरने के लिए अपना गांव छोड़कर शहर में मजदूरी करने काम की तलाश में आता है । दिन में तो किसी मालिक के यहां काम करता है, लेकिन रात्रि गुजारने के लिए उसके पास छत नहीं होती ऐसे में वह रेल्वे स्टेशन,बस स्टैंड, रोड का किनारा, फुटपाथ, मंदिर के सामने वाली स्थान, या किसी दुकान के सामने रात्रि गुजरता है।जो दिखाई देता है कि मजदूर वर्ग आश्रय,भोजन और स्वच्छता जैसे मूल अधिकारों से वंचित है।
शहरी बेघर समुदाय के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास को और गति प्रदान करने तथा बेघर लोगों की पहचान सुनिश्चित हो सके इसके लिए 10 अक्टूबर को विश्व बेघर दिवस के रूप में मनाया जाता है । और आम लोगों में जागरूकता अभियान के जरिए इसकी जानकारी दी जाती है। इसी परिपेक्ष्य में आज दुर्ग नगर निगम द्वारा संचालित आश्रय स्थल पर विश्व बेघर दिवस मनाया गया।