जल शोधन संयंत्र के ऑटोमेशन को देखकर कलेक्टर डॉ. भूरे हुए प्रसन्न कंप्यूटराइज तरीके से होगा अब शहर में पेयजल आपूर्ति
दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने निगमायुक्त हरेश मंडावी,जल विभाग एवं अमृत मिशन के अधिकारियों के साथ जल शोधन संयंत्र का दौरा किया। आयुक्त ने उन्हें आटोमेशन सिस्टम दिखाया। उन्होंने बताया कि आटोमेशन सिस्टम के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की पूरी तरह से मानिटरिंग की जाती है। अमृत मिशन अंतर्गत 24 एमएलडी एवं 11 एमएलडी जल शोधन संयंत्रो का पूर्णत:ऑटोमेशन किया गया है।शहर में अब पेयजल आपूर्ति पूर्णत: कंप्यूटराइज तरीके से होगा।टंकियो को लेवल एवं प्रत्येक वार्ड की सप्लाई की जानकारी कंम्प्यूटर में प्राप्त होंगी। वितरण पाइपलाइन में होने वाले पानी की बर्बादी और लीकेज का पता भी चल जाएगा।
कलेक्टर ने आटोमेशन देखकर प्रसन्नता जाहिर किया।उन्होंने डब्ल्यूटीपी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने टंकियों का निर्माण तय समयसीमा में पूरा करने निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सबसे प्राथमिक दायित्व है। इसकी निरंतर मानिटरिंग करते रहें। जहां कहीं भी लो प्रेशर या किसी अन्य तरह की शिकायत आती है, उसे ठीक करें। निरीक्षण के दौरान कार्यपालन अभियंता एमपी गोस्वामी, अमृत मिशन के नोडल अधिकारी आर के पांडे,सहायक नोडल एआर रहागडाले, सहायक अभियंता आर के जैन,उप अभियंता राजेंद्र ढबाले, भीमराव, जल निरीक्षक नारायण ठाकुर एवं पीडीएमसी के अधिकारी उपस्थित थे।