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मसीही समाज ने हर्षोल्लास से मनाया बड़ा दिन
भिलाई। मसीही समाज ने आज क्रिसमस का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया। विभिन्न गिरजाघरों में समाज के लोगों ने पहुंचकर प्रार्थना की तथा देश व दुनिया में शांति व सद्भावना की दुआ मांगी। साथ ही एक दूसरे को बड़े दिन की बधाई देकर अपने खुशियों का इजहार किया। इस अवसर पर क्रिश्चियन कम्यूनिटी चर्च सेक्टर 6 के पास्टर अर्पण तरूण ने प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा परमेश्वर प्रेम का परमेश्वर है वह हमें एक दूसरे से प्रेम करना सीखाता है। मनुष्य और पशुओं में यही अंतर है। मनुष्य प्रेम और क्षमा करना दोनों जानता है। हममें अपने विरोधियों को भी क्षमा करने का भाव होना चाहिए। हमें अपने पड़ोसियों से भी उसी प्रकार का प्रेम करना चाहिए जिस तरह हम चाहते है कोई हमसे करें। हमारे सुख दुख में और विपत्ति में काम आ सके। हम एक दूसरे की सहायता कर सके। यही भाव हमें पड़ोसियों से, मोहल्ले से, शहर से, राज्य में राज्य से और देश में देश से भी अगर प्रेम करने लगे तो यह दुनिया स्वर्ग बन जाएगी। जहां लोग जमीन, पानी और न जाने कितनी चीजों के लिए लड़ते है, दुनिया में हथियारों की होड़ लगी हुई है। सेना और हथियारों के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहें है। यह सब बंद हो सकता है यदि हम एक दूसरे प्रेम करें और क्षमा करें। तब यह धरती सचमुच स्वर्ग बन जाएगी। जैसा कि परमेश्वर चाहते है। हमारा परमेश्वर आदी काल का परमेश्वर है उसके आने की घोषणा इस दुनिया में मनुष्य के आगमन के साथ ही हो गई थी। सही समय और जगह का उल्लेख भी बाइबल में मिलता है। ईसा मसीह के आने के तीन हजार साल पहले ही इस बात की घोषणा हो गई थी। हमारा परमेश्वर जीवित परमेश्वर है। इसी दिन वे धरती पर अवतरित हुए थे और लोगों को पाप से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया। इसी को हम बड़े दिन के रूप में मनाते है। वह जो समुद्र को, धरती को, आकाश को व स्वर्ग को बनाने वाला परमेश्वर है।
बैपटिस्ट चर्च, भिलाई के पास्टर थॉमस का कथन
परमेश्वर ने दुनिया में लोगों की रचना की है। सभी लोगों से मिलकर मिलजुलकर रहने की सीख हमें दी गई है। परन्तु मनुष्य अपने पापों के द्वारा भगवान के इस विचार से दूर हो गया है। मनुष्य को इन पापो से मुक्ति दिलाने के लिए ही यीशु ने इस धरती पर जन्म लिया है। आज प्रभु के पास कोई आना नहीं चाहता तथा अपने पापों और व्यसनों को भी छोडऩा नहीं चाहता। हम अपने समस्याओं का समाधान मनुष्यों के पास खोजते है। लोग यह नहीं समझते कि एक अंधा दूसरे अंधे को कैसे रास्ता दिखा सकता है। उसी तरह एक पापी दूसरे पापी को मुक्ति नहीं दिला सकता। पवित्र परमेश्वर आत्मा के रूप में शरीर रूप धारण कर इस दुनिया में आया ताकि पापियों की रक्षा कर सके। उन्हें मुक्ति दिला सके। उन पर जो भी विश्वास रखता है वह मुक्ति पाता है। इसीलिए उनका जन्म मुनष्यों में महा आनंद भरता है। क्योंकि उनके द्वारा पापों से मुक्ति मिलती है।
सेंट विंसेंट कैथोलिक चर्च भिलाई तीन के पास्टर जॉन फिलीप का कथन
बाईबल कहता है ईश्वर ने इस दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने उसकी मुक्ति के लिए अपने इकलौते पुत्र को इस दुनिया में भेजा। ताकि जो कोई उसके उपर विश्वास किया उसका सर्वनाश न हो। बल्कि वे अनंत जीवन प्राप्त करें। ये मसीह का सबसे बड़ा उपहार है। सारे जगत के लिए अनंत जीवन पाने के लिए। योहन का सुसमाचार का 10:10 में कहता है मैं इस दुनिया में इसीलिए आया हूं ताकि मनुष्य न केवल जीवन प्राप्त करे बल्कि परिपूर्ण जीवन प्राप्त करे। आज की दुनिया आधा अधमरा जीवन जी रही है। तनाव के चलते, समस्याओं के चलते, आपस में फूट के चलते, दुश्मनी, तरह-तरह की समस्याओं के बीच में प्रभु का यह कथन है मैं परिपूर्ण जीवन देने आया हूं। ये आज के संदर्भ में आज के दुनिया के लिए सबसे जरूरी बात है। प्रभु यीशु का यही बात योहन का ही सुसमाचार का 15:11 में भी कहा मैंने तुम्हे ये सब इसलिए कहा ताकि तुम मेरे आनंद के सहभागी बनो। मसीह ने अपने पवित्र वचनों के द्वारा दुनिया को संदेश दिया। पूर्ण आनंद और शांति आज के दुनिया के लिए सबसे जरूरी बातें है। हर वर्ष हम क्रिसमस इतिहास को याद करते हुए मनाते है।