*कृषि मंत्री के क्षेत्र में टमाटर की बम्पर आवक बढ़ने लगी, कीमत न मिलने से किसान परेशान* *क्षेत्र में टमाटर उत्पादक किसानों की सहूलियत के लिए टोमेटो-फूड प्रोसेसिंग प्लांट की मांग*

*बेमेतरा:-* ज़िला सम्बद्ध साजा विकासखण्ड क्षेत्र के आंचल में इन दिनों टमाटर की बपंर आवक होने लगी है। जिससे बाज़ारो में टमाटर की आवक बढ़ने से दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। जिससे साजा क्षेत्र के ग्रामीण किसान काफी परेशान है।लिहाजा औने- पौने दाम में किसान टमाटर की खेप को बेचने में मजबूर नजर आ रहे है।उल्लेखनीय है कि उक्त मामला मंत्री रविन्द्र चौबे के गृह साजा विधानसभा क्षेत्र के इलाके का है। जिसमे वर्तमान परिस्थितियों में किसानों की ऐसी स्थिति चिंताजनक है।
गौरतलब हो कि साजा विकासखंड के ज्यादातर गाँवो में अनाजो के साथ वैकल्पिक रूप में स्थानीय किसान टमाटर की की भी खूब खेती करते है। जिससे इलाके में हरसाल बड़े स्तर पर टमाटर की पैदावार होती है। किंतु बड़ी दुर्भाग्य है, कि स्थानीय किसानों को उनकी फसल का उचित कीमत नही मिल पा रहा है। साजा ब्लॉक सहित ज़िलेभर के टमाटर उत्पादक किसानों को।हरसाल घटती कीमतों की समस्या से जूझना पड़ता है। जो।कि कृषि मंत्री के गृहक्षेत्र एवं ज़िले होने से खास हो जाता है।ताज़ा जानकारी के मुताबिक वर्तमान में साजा ब्लॉक के परपोड़ी, बोरतरा, मोहतरा, देउरगाँव, सहसपुर, ठेलका, भेंडरवानी, सूखाताल, मुंगलाटोला, लोधी खपरी, सोनपुरी, इत्यादि के आसपास इलाकों में बड़े पैमाने पर टमाटर की उन्नत टमाटरों की वैकल्पिक फसल ली जा रही है, लेकिन किसानों की स्थिति चिंताजनक बताई जाती है।
*आवक बढ़ने से लुढ़का टमाटर का मूल्य*
ताज़ा आकड़ा के मुताबिक वर्तमान में टमाटर का वास्तविक मूल्य प्रति कैरेट 200 से 300 रुपये थोक के भाव मे बताया जा रहा है। जो प्रतिकिलो के हिसाब से मात्र 6-7 रुपया पड़ रहा है। जिसे सब्जियों के थोक मार्केट से होकर बाज़ारो तक पहुंचने के बाद 15-20 रुपये किलो की आमदनी सब्जी विक्रेताओं को ही है। जबकि टमाटर की पैदावार और आवक देखी जाए तो खूब नज़र आ रही है।जिसमे देखा जाए तो स्थानीय किसानों की मेहनत को उचित भाव नही मिलता दिखाई पड़ रहा है।दरअसल बरसात के सीजन का दौर होने के चलते टमाटर की।खूब पैदावार हर साल की तरह इस साल भी हुई है, जिससे बाजार में आवक में बढ़ोतरी के चलते मूल्य प्रभावित हो रहा है।
*लगातार बरसात ने भी फसल एवं पैदावर को पहुंचाई क्षति*
अवगत हो कि ज़िलाक्षेत्र के आंचलिक-ग्रामीण इलाकों में खण्ड वर्सा एवं अनियमित वर्षाधिकता ने टमाटर उत्पादकों की मेहनत पर पहले ही पानी फेर रखा है। जिसके चलते टमाटर की पैदावार भी प्रभावित हुई है।वही बात पिछले वर्ष की जाए तो विगत वर्ष की पैदावार कोरोनाक़ाल संकटकाल की भेंट चढ़ गयी थी। लिहाजा लगातार दो वर्षों से टमाटर उत्पादको को काफी नुकसान सहन करना पड़ रहा है।
*बाजार में और गिरावट की संभावना*
गौरतलब हो कि ज़िले के साजा ब्लॉक में अधिकांश किसान वैकल्पिक फसल के रूप में टमाटर उत्पादन होने से उत्पदको में बीच प्रतिस्पर्धा होने लगी है, जिससे लगातार टमाटर का रेट गिरता-उछलता रहता है।लिहाजा आगामी दिनों में टमाटर की कीमत और गिरने की सम्भावना है।
*क्षेत्र में सब्जियों के थोक मार्केट एवं मण्डियों का अभाव*
दरअसल ज़िला के साजा ब्लॉक क्षेत्र में सिर्फ परपोड़ी नगर पंचायत में सब्जी मंडी बताया जा रहा है, जबकि इसके सुदूर थान खम्हरिया, देवकर एवं मुख्यालय साजा में मंडी न होने से किसानों को दूरवर्ती धमधा, बेरला, लोहारा, गण्डई जैसे दीगर इलाको में टमाटर सहित अन्य सब्जियों को थोक के भाव में खपाना पड़ता है।जो कि कष्टदायक एवं खर्चीला साबित होता है। लिहाजा स्थानीय इलाके के नगरीय क्षेत्र में मंडी की आवश्यकता नज़र आती है।
*टोमेटो-फूड प्रोसेसिंग प्लांट की आवश्यकता*
चूँकि कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का गृहक्षेत्र एवं गृहज़िला कृषि प्रधान एवं संपन्न होने के कारण स्थानीय स्तर पर इलाके में फूड अथवा टोमेटो प्रोसेसिंग प्लांट की आवश्यकता दिखाई पड़ रही है।।जिसके सम्बंध में विगत कुछ वर्षी से लगातार साजा सहित बेमेतरा ज़िला क्षेत्र में टमाटर एवं अन्य फलों के फूड प्रोसेसिंग प्लांट की मांग स्थानीय क्षेत्रवासियों एवं जिलेवासियों द्वारा की जा रही है।जिस पर विगत पूर्व में प्रदेश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी टोमेटो या फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की बात कर चुके है। लेकीन अभी तक इसी दिशा में कार्य न होने से किसानों को काफी समस्याओं एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।