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बारिश के देवता का मंदिर, यहां ताकत से नहीं ‘श्रद्धा’ से उठता है ये चमत्कारी पत्थर Temple of the god of rain, here this miraculous stone rises not from strength but from ‘reverence’

मोष्टा देवता का मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो मुख्य शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर मोष्टा देवता की पूजा की जाती है, जिस वजह से इस मंदिर का नाम मोष्टामानू रखा गया. धार्मिक मान्यताओं में मोष्टा देवता को भगवान इंद्र का पुत्र माना गया है, जिस कारण इन्हें बारिश का देवता भी कहा जाता है.

 

मिली जानकारी के अनुसार, एक समय में इस इलाके में सूखा और अकाल की स्थिति बन गई थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मोष्टा देवता की पूजा की. भगवान के पूजन के बाद इस क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई. इस घटना के बाद इस जगह पर मोष्टा देवता के मंदिर का निर्माण कराया गया.

इस मंदिर में एक चमत्कारी पत्थर भी है. ऐसा माना जाता है कि जिसके मन में सच्ची श्रद्धा है, वह ही इस पत्थर को उठा सकता है. भक्तिभाव न हो तो बड़े से बड़े बाहुबली भी इस पत्थर को नहीं उठा पाते हैं.

 

कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से इस पत्थर को उठाता है, उसकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना है, जहां से पिथौरागढ़ की खूबसूरत पहाड़ियों और हिमालय का मनमोहक नजारा भी देखा जा सकता है.

 

 

 

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