*जिला शिक्षा अधिकारी के व्यवस्था निरस्त करने आदेश मे नज़र आ रहा भेदभाव, अपने चहेतों की ब्यवस्था नही हुआ निरस्त*

*(जिलेभर के सैकड़ो शिक्षकों में सिर्फ 14 का हुवा निरस्त)*
*बेमेतरा:-* ज़िला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा के आदेश क्रमांक/ 966 /स्था -2 /अध्यापन ब्यवस्था /2020 -21/ में विगत 16 सितंबर 2021 के आदेश में महज 13 शिक्षकों के ही अध्यापन ब्यवस्था को ही निरस्त किया गया है, और यह आदेश निकालकर डीईओ ने सिर्फ खाना पूर्ति ही किये है। विषम परिस्थितियों को छोड़कर जिसमे 10 किलोमीटर अंतर्गत किसी संकाय के शिक्षक उपलब्ध नही होने की स्थिति में अध्यापन ब्यवस्था प्रभावित न हो, कि स्थिति में वैकल्पिक ब्यवस्था किये जाने का एक अधिकार डीईओ के पास है। वो भी अस्थाई तौर पर हालांकि इस मामले में शासन का ब्यवस्था नही करने का स्पष्ट निर्देश है। फिर भी बेमेतरा जिला में धड़ल्ले से ब्यवस्था हुई है। यहाँ हमेसा से ये सिस्टम प्रचलन ने शामिल हो गया है। हद तो तब हो जाती है। जब एक स्कूल में संबंधित विषय का ब्याख्याता पहले से मौजूद हो उसमे उसी विषय का ब्याख्याता की फिर से ब्यवस्था कर दी जाती है। जिसकी बकायदा लिखित में शिकायत भी हुई है। जिसमे डीईओ द्वारा मीडिया को वर्सन दिया गया था कि 07 सितंबर के बाद समस्त ब्यवस्था निरस्त कर दी जावेगी। लेकिन डीईओ बेमेतरा का वर्सन कोरा झूठ साबित हुआ,खासकर बेलगांव हाई स्कूल की ब्याख्याता रीता शर्मा का नाम इस लिस्ट में नही होना। इनकी ब्यवस्था साजा हाई स्कूल में की गई है। जहाँ पहले से ही सम्बंधित विषय का ब्याख्याता मौजूद है। ऐसी क्या परिस्थितिया निर्मित हुई कि बेलगांव हाईस्कूल को विषय का शिक्षक विहीन कर पहले से विषय शिक्षक मौजूद साजा हाइ स्कूल में की गई। इसमे तो डीईओ बेमेतरा की हठधर्मिता ही दिखाई देती है सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार रीता शर्मा के व्यवस्था संबंधित आवेदन मामले मे एक केबिनेट मंत्री का रिमार्क होना बताया जा रहा है। जिसे निरस्त करने डीईओ हिम्मत नही जुटा पा रहे है। रीता शर्मा के पति द्वारा मीडिया का काम है खबरे चलाना कहने की भी खबरें आ रही है। परिस्थितियों को देखने से तो ऐसा प्रतीत होता है कि रीता शर्मा के मामले में प्रशासन और मीडिया को रीता शर्मा के पति द्वारा ब्यवस्था निरस्त करने खुली चुनौती दी जा रही है।