गुरू घासीदास बाबा का भव्य शोभा यात्रा एवं जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न
जिला के सर्वसमाज के मुखिया गण का एक मंच में एकत्रित होना अर्थात बाबा गुरू घासीदास जी के मनखे मनखे एक बरोबर के सिंद्धात को आत्मसात करना यह ऐतिहासिक पहल है – नीलकंठ टेकाम
आकर्षक झांकी एवं पंथी नृत्य एवं आखाड़ा दल के प्रदर्शन के साथ सद्भावना शोभा रैली सर्व समुदाय के लोग भाग लिए
लंजोड़ा (कोण्डागांव) – अखिल भारतीय सतनामी समाज जिला कोण्डागाव के तत्वावधान में 21 दिसम्बर 2018 को ग्राम – लंजोड़ा में सतनाम धर्म के प्रवर्तक परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा जी के 262 वां जन्म दिवस दिसम्बर गुरू पर्व के रूप में जिला स्तरीय-भव्य शोभायात्रा एवं जिला जयंती समारोह का आयोजन किया गया। गौरवपूर्ण और एतिहासिक प्रथम सर्व समाज सद्भावना मंच एवं शोभायात्रा जयंती समारोह के मुख्य अतिथि की आसंदी पर जिला कोण्डागांव के लोकप्रिय कलेक्टर श्रीमान नीलकंठ टेकाम जी भव्य कार्यक्रम का मनोबल बढा रहे थें। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला के सहायक आयुक्त श्रीमान गणेश राम सोरी एवं विशिष्ट अतिथि के क्रम में 100गवां सतनामी समाज के संस्थापक एवं जिला संरक्षक-माननीय लखमूराम टण्डन जी एवं कार्यक्रम के अध्यक्षता – माननीय हरिशचन्द्र डहरे जिला अध्यक्ष सतनामी समाज कोण्डागांव तथा विशेष अतिथि के तौर पर सर्व समुदाय व समाज के जिला के गण मान्य मुखिया जन सर्वश्री – सी. आर. कोर्राम जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज जिला कोण्डागांव, श्री नीलकंठ शार्दूल संरक्षक पिछडा वर्ग जिला कोण्डागांव, श्री धंसराज टण्डन जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति संघर्ष समिति कोण्डागांव, श्री सी. एल.मेश्राम जिला अध्यक्ष बौध समाज, श्री प्रेमसिंह नाग जिला अध्यक्ष गाड़ा समाज, श्री महेन्द्र सागर-सचिव उत्कल समाज, श्री पी.डी विश्वकर्मा अध्यक्ष लोहार समाज, श्री बुधसिंह नेताम जिला अध्यक्ष गोडवाना समाज, श्री पंचूराम सागर-जिला अध्यक्ष घड़वा समाज, श्री एम.डी. बघेल संभागीय अध्यक्ष लिपिक संघ बस्तर संभाग, श्री रूपेन्द्र कोर्राम संयोजक भीम आर्मी केशकाल, श्री हेमंत पोयाम प्रदेश अध्यक्ष बसपा, श्री बंगाराम सोढी अध्यक्ष सरपंच संघ कोण्डागांव, टी0डी0 सोनवानी जगदलपुर, श्री चुन्नीलाल मिर्झा प्रवक्ता सतनामी समाज उड़िसा, श्री रमेश कोसरे अध्यक्ष सतनामी समाज अधिकारीगुड़ा उमरकोट, श्री हृदयराम मण्डावी सामाजिक कार्यकर्ता, श्री जीवन नाग सरपंच कोकोड़ी, श्री विक्रम सोढी सरपंच बम्हनी, श्री बलीराम नेताम सरपंच. केराबाही, श्रीमती शाम नेताम जनपद अध्यक्ष फरसगांव, श्री संतोष सावरकर जिला उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति कोण्डागांव, जिला सतनामी समाज के पदाधिकारी सुरेन्द्र बंजारे जिला उपाध्यक्ष, जयकिशन मारकण्डेय जिला सचिव, नारायण बंजारे जिला कोषाध्यक्ष, गोविन्द कोसरे भंडारी गारका, फागुराम बंजारे अध्यक्ष लंजोडा, गोंचुराम प्रेमनगर, गणेश कोसरे अंबेडकर वार्ड कोण्डागांव, जोहन बेर अध्यक्ष नयापारा कुसमा, भुवन मारकण्डेय अध्यक्ष सतनाम चैक कुसमा, संतु बांधे देवडा, लाला लहरे जगदलपुर, दिनेश बंजारे देवड़ा, विजय लहरे अध्यक्ष गारका, सानू मारकण्डेय अध्यक्ष आडकाछेपडापारा इत्यादि विशिष्ट अतिथि के साथ भव्य आकर्षक मंच का शोभा बढा रहें थें। परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा जी के स्वेत झंडा के साथ 7 संत सफेद वेशभूषा में शोभायात्रा के सामने-सामने कदम-कदम मिलाकर विशाल शोभायात्रा की प्रथम पंक्ति में सतनाम संदेश ध्वज के माध्यम से लहरा रहे थे। शोभायात्रा में हजारों कीे संख्या में सतनामी समाज की महिला-पुरूष व बच्चेें शांमिल हुए। शोभायात्रा का आकर्षक दुनिया का सबसे ऊचा जैतखाम की भव्य झांकी, गुरू घासीदास बाबा जी के प्रतिमा से सजा रथ के साथ जगह-जगह आधा दर्जन पंथी टोली दल पुरें माहौल की शोभा बढातें जय,जय सतनाम की जय कारा के साथ, पंथी नृत्य गान के साथ शोभायात्रा भव्यरूपता दिखते बन रहा था। पंथी दल की सूची में जिला मुंगेली के चातरखार ज्ञान सागर पंथी पार्टी का दल अखाड़ा का प्रदर्शन करते लाठी व तलवार की हवामार तलवार की प्रदर्शन कर रहे थे इसके साथ ही आड़काछेपड़ा कोण्डागांव के गुरू घासी के दुलरवा पंथी पार्टी के आकर्षक व नृत्य, ग्राम-भेलवाडीह अभनपुर रायपुर के सतनाम पंथी पार्टी का आकर्षक व नृत्य एवं उड़िसा उमरकोट अधिकारीगुडा का पंथी पार्टी ने शोभायात्रा को ऐतिहासिक प्रदान कर रहे थे। यह भव्य शोभायात्रा ग्राम लंजोड़ा के जैतखाम से प्रांरभ होकर मेनरोड से होते हुए बस स्टैड गांव के अंतिम डिवाइडर से वापस होते हुए जगह- जगह पंथी व अखाड़ा दिखाते हुए रैली वापस जैतखाम तक पहुचते शोभायात्रा के समापन के पश्चात जिला स्तरीय जयंती का प्रारंभ हूआ। सर्वप्रथम परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा जी के जैतखाम की आरती मंगलगान से पुजा अर्चना किया गया। तथा पुजा अर्चना के साथ श्रीमान कलेक्टर महोदय नीलकंठ टेकाम व सभी विशिष्ट जन जैतखाम का फेरा लगाते सतनामी समाज के जिला अध्यक्ष हरिशचन्द्र डहरे ध्वजारोहण किये व श्री फल तोड़ा गया। विधिविधान के साथ जयंती पर्व मनाते हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमान नीलकंठ टेकाम जी एवं सहायक आयुक्त व सर्व समाज विशिष्ट मेहमानों का स्वागत पुष्प हार से किया गया। अतिथियों का उदबोधन में सर्वप्रथम- 100 गवां प्रधान संयोजक व संरक्षक श्री लखमूराम टण्डन नें उद्बोधन में सभी वर्ग के समुदाय व अतिथि गण का हार्दिक स्वागत कियें और जिला सतनामी समाज कोण्डागांव की आवश्यक ज्ञापन पत्र का श्रीमान कलेक्टर कोण्डागांव के नाम पठन किया। ज्ञापन में सामाजिक भवन एवं सतनामी समाज के लिए शासकीय भूमि मुहैया कराने की मांग प्रमुखता से ज्ञापन में बताया गया हैं। इसके पश्चात उदबोधन की कड़ी में श्री हृदय मंडावी ने सभी समाज एवं गुरू घासीदास बाबा जी जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला, हमें जाति बंधन से मुक्त होकर समाज को एक-दुसरे से जोड़ना जरूरी है। श्री नीलकंठ शार्दूल जी ने समाज को सुझाव दिया कि जयंती मनाना यह अच्छी बात हैं, परंतु हम यदि गुरू के बताये मार्ग पर नहीं चलने से जयंती का मायने कम होता है। इसलिए हमें गुरूघासीदास बाबा के बताये मार्ग पर चलना होगा तभी जयंती सार्थक होगा। श्री पंचूराम सागर जी ने भी सामाजिक ऐतिहासिक बिदुओं में प्रकाश डालते हुए कहा हमें जाति में हजारो टुकड़ो में बांटा हैं हमें अब सामाजिक एकता के साथ छुआ-छुत, भेदभाव को भी मिटाना होगा। श्री बंगाराम सोढी जी ने कहा मुझे आज बहुत प्रसन्न हूॅ। कि सभी समाज आज सतनामी समाज के कार्यक्रम में भाग लिये हैं। इससे हमारे जागरूकता दिखता हैं। हम सब मनुष्य है सबका सुख-दुख एक ही है। गुरूघासीदास बाबा सभी जाति को जोड़ा। श्री हेमंत पोयाम प्रदेश अध्यक्ष बसपा के अपने संबोधन में कहा हमें परम पूज्य गुरूघासीदास बाबा जी मनखे-मनखे एक बरोबर की जो रास्ता बताये हैं, यह आज सार्थक दिख रहा है जब हम सभी समाज के लोग इकट्ठे हुए है, ऐसा ही जब भी अन्य समाज में आदिवासी समाज के महापुरूष के जयंती होती हैं या फिर अन्य सभी महापुरूषों की जयंती होती हैं हम सबको एक दुसरे की कार्यक्रमों में जाकर सामाजिक एकता का परिचय देना चाहिए। तभी समाज में भाईचारा पैदा होगा हमें हजारो वर्षो से जानबुझकर जाति में बांटा गया हैं। हमें संगठित होना जरूरी है और हम अधिकार को हासिल करना हैं। श्री गणेश सोरी सहायक आयुक्त ने शासन द्वारा दिये जा रहे संवैधानिक अधिकारो सें लेना चाहिए समाज में जागरूकता के साथ साथ सरकारी योजनाओ का लाभ लेना हैं। हमें अपनें समाज संस्कृति को बनाये रखना है। समाज के साथ अन्याय अत्याचार होता हैं, उसके लिए कानून बना है, हमें कानून का सहायता भी लेना हैं। अधिकार मांगा नहीं बल्कि छिनने आना चाहिए। अंतिम व जिसका सभी लोगों का इतंजार रहा सुनने के लिए श्रीमान कलेक्टर नीलकंठ टेकाम जी ने अपने उद्बोधन कहा सबसे पहले सभी लोगों को जयंती पर्व की शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात सारगर्भित कहा कि हम एक सामाजिक प्राणी हैं, हम कलेक्टर है, हमारा दायित्व बनता है समाज के अंतिम सें अंतिम छोर तक लोगो तक हर सुख दुख में भागीदार होना। मेरे अंदर में 56 विभाग अर्थात एक कलेक्टर के अधीन कार्य करते हैं। हमें इन कार्यो के साथ-साथ जिला में प्रथम अधिकारी होने के नाते संविधान में दिये अधिकारो को हर समाज के लोगों तक पहुॅचाना दायित्व है। मैं कोशिश करता हूं जितना हो सके अधिक से अधिक हमारे समाज के बीच बैठकर (अपनापन) सुख दुख को समझना और उनके आवश्यकता को पुरा करना यही एक कलेक्टर का दायित्व सरकार हमें इसी लिए नियुक्त किया हैं। बस्तर के बारे में यह क्षेत्र अनुसूचित अर्थात 5 अनुसूची के अन्तर्गत बस्तर हैं। यहां कि संस्कृति यहां कि मौलिक व अन्य सभी अधिकार का संवैधानिक के साथ विकास करना हैं। अंत में कलेक्टर साहब ने परम पूज्य गुरूघासीदास बाबा जी सतनाम आन्दोलन में बताए गये सत्य मार्ग से की हमें मानव का विकास करना हैं। हमें उनके सिद्धातो को भी मानना चाहिए। हमें नशा से दुर रहना चाहिए बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढाना हैं। आगे अपने जीवन की कुछ बाते याद दिलाते हुए कहा कि जो चीज के लिए चुनौती हो उसे स्वीकारना चाहिए। मैनें अपने जीवन में यही किया, जो लोग नकारात्मक सोच पैदा करते थे, मैंने हमेशा सकारात्मक सोच पैदा किया। अर्थात लोगो के ठीक विपरीत चलता रहा। इसलिए आज मैं एक आदिवासी का बेटा आपके सामने कलेक्टर बनकर आया हैं। मुझे एक बार कुश्ती में भाग लेना था, लोगो नें कहा, कमजोर हाथ पैर से तो कुश्ती नहीं लड़ पाओगे। मैंने अपने आपको इतना शरीर बनाया कि सबके हाथ पैर कमजोर हो गया। हम पहलवानी किये। पढाई में भी ऐसा होता हैं। मैं प्रोफेसर बना और इंदौर गया। इंदौर में कुछ लोग कहने लगे कि डिप्टी कलेक्टर बनना आसान नहीं हैं। मैंने चुनौती स्वीकार किया और डिप्टी कलेक्टर की परीक्षा में प्रथम बार मेें ही पास हो गया और डिप्टी कलेक्टर बन गया। मेरे कहने का अर्थ यह हैं हमें हर प्रकार की चुनौती स्वीकार करना होगा तभी समाज आगे बढेगा। बीच-बीच में पंथी नृत्य मंच के सामने एक उद्बोधन के बाद करते रहे और जिला प्रशासन से एक-एक हजार रूपये का नगद राशि पुरस्कार प्रदान किया। सतनामी पंथी दलों को इसके पश्चात अखिल भारतीय सतनामी समाज जिला कोण्डागाव द्वारा सभी अतिथियो का सामाजिक क्षेत्र अनुकरणीय सामाजिक योगदान में उत्कृष्ट कार्यो के लिये प्रमाण पत्र , श्रीफल व साल के साथ सभी समाज के मुखियागण का कलेक्टर के माध्यम सम्मान किये जिला संरक्षक लखमूराम टण्डन एवं जिला अध्यक्ष हरिशचन्द्र डहरे के द्वारा श्रीमान कलेक्टर नीलकण्ठ टेकाम जी को एवं सहायक आयुक्त श्री गणेश सोरी एवं हेमंत पोयाम प्रदेश अध्यक्ष बसपा को श्रीफल व साल से सम्मानित किये। कार्यक्रम का समापन व आभार श्री हरिशचन्द्र डहरे ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन श्री धंसराज टण्डन, भागवत चतुर्वेदी, दुर्गा गहरवार एवं चंद्रेश चतुर्वेदी ने किया।